कांग्रेसी पार्षद प्रदीप राय ने किया अवैध कब्जा ? पटवारी के प्रतिवेदन पर कार्यवाही.. तो वहीं निगम अधिकारी भी पहुँचे वार्ड में
कोरबा 28 मार्च। वार्ड क्रमांक 29 पोड़ीबहार के कांग्रेसी पार्षद प्रदीप राय पर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया गया है। यह आरोप पटवारी हल्का नंबर 20 ग्राम खरमोरा के द्वारा तहसीलदार को भेजे गए अपने प्रतिवेदन में लगाया गया है।
अपने प्रतिवेदन दिनांक 15 फरवरी 2023 में पटवारी ने कहा कि वार्ड में भ्रमण के दौरान भूमि खसरा नंबर 198 रकबा 4.7 हेक्टेयर शासकीय घास मद की भूमि पर दीवार का निर्माण करना पाया गया। पड़ताल किए जाने पर पता लगा कि यह निर्माण कार्य वार्ड पार्षद द्वारा करवाया जा रहा है। उक्त निर्माण कार्य को नगर निगम द्वारा चिल्ड्रन पार्क बनाया जाना बताया गया। परंतु पटवारी धारा अपने प्रतिवेदन में या बताया गया की चिल्ड्रन पार्क 18 x 50 वर्ग मीटर भूमि पर बनाया जाना है। चिल्ड्रन पार्क हेतु प्रस्तावित भूमि के बगल से ही 0.20 ए. भूमि को जेसीबी से साफ कर अतिक्रमण किया जा रहा है।
पटवारी के प्रतिवेदन पर तहसीलदार ने कार्यवाही करते हुए दिनांक 21 फरवरी 2023 को पार्षद प्रदीप राय को नोटिस जारी कर इस संबंध में जवाब प्रस्तुत करने कहा। जवाब से संतुष्ट नही होने पर ₹10000 अर्थदंड लगाते हुए पार्षद को अतीक्रमित भूमि से बेदखल करने की चेतावनी भी दी गई। इस संबंध में पार्षद प्रदीप राय के द्वारा तहसीलदार के समक्ष जो जवाब प्रस्तुत किया गया उसमें भूमि खसरा नंबर 88, 452, 453 का खसरा प्रदान किया गया जबकि विवादित भूमि का खसरा नंबर 198 है। पार्षद प्रदीप राय के जवाब से असंतुष्ट तहसीलदार ने उन्हें पुनः जवाब देने का एक अवसर प्रदान किया है।
नगर निगम ने वार्ड में की अवैध निर्माण पर कार्यवाही
दूसरी ओर नगर निगम के द्वारा वार्ड 29 पोड़ीबहार में अवैध निर्माण पर आज कार्यवाही की गई। निगम के अतिक्रमण प्रभारी योगेश राठौर के द्वारा बताया गया की निगमायुक्त को शिकायत प्राप्त होने पर आज वार्ड का भ्रमण किया गया और वार्ड में अवैध निर्माण किया जाना पाया गया। उक्त अवैध निर्माण पर कार्यवाही करते हुए अज्ञात व्यक्ति के नाम से नोटिस जारी कर दिया गया है तथा भविष्य में अवैध निर्माण पर निगम की कार्यवाही जारी रहेगी।
इस संबंध में पतासाजी करने पर आसपास के लोगों द्वारा भी वार्ड पार्षद का ही नाम लिया जा रहा है। साथ ही न्यूज़ एक्शन को प्राप्त एक वीडियो में निर्माण कार्य में लगा एक मजदूर फोन पर किसी व्यक्ति से बात करता देखा जा सकता है जिसका नाम पूछने पर उसके द्वारा “प्रदीप भैया” कहा जाता है। जिसके कारण पुनः शक की सुई वार्ड पार्षद प्रदीप राय की ओर हो जाती है।