रात में हो रहा था रेत का अवैध परिवहन, ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से चालक की मौत

कोरबा 04 मार्च। रेत खदानों के आवंटन के लिए नए नियम के चक्कर में जिले के रेत खदानों का आवंटन नहीं हो सका है। इस कारण अब शहरी.उपनगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में रेत तस्कर सक्रिय हो गए हैं, जो रात के अंधेरे में नदी-नाला के किनारे से रेत खनन कर ट्रैक्टर.ट्रॉली के जरिए अवैध परिवहन कर रहे हैं। रात से लेकर सुबह तक अंधेरे में रेत का अवैध कारोबार चलता है, लेकिन न तो खनिज विभाग कार्रवाई कर रही है और न ही प्रशासनिक व पुलिस अमला, जबकि शहर के भीतर ही खुलेआम रेत का अवैध परिवहन हो रहा है।

रातभर ट्रैक्टर.ट्रॉली में सड़क पर रेत परिवहन करते हुए अलग-अलग क्षेत्रों में खपाया जाता है। आउटर में कुदुरमाल के पास हसदेव नदी के किनारे से रेत खनन और परिवहन चल रहा है, जहां गुुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात अवैध रेत परिवहन में लगे ट्रैक्टर.ट्रॉली के बेकाबू होकर पलटने से चालक गौतम कुमार धनुहार 26 निवासी परसाभवना की मौत हो गई। पुलिस मामले में मर्ग कायम कर जांच कर रही है।
एनजीटी की गाइडलाइन के आधार पर मानसून लगते ही 16 जून के आसपास नदी-नाला किनारे से रेत खनन पर प्रतिबंध लग जाएगा। 4 माह बाद 16 अक्टूबर को प्रतिबंध हटेगा। इस तरह 4 माह तक रेत उत्खनन पूर्णत:प्रतिबंधित रहेगा। बीते वर्ष 16 अक्टूबर को प्रतिबंधित अवधि समाप्त होने के बाद शहर के गेरवाघाट रेत खदान समेत 20 खदानों में अब तक आवंटन के इंतजार में वैध खनन शुरू नहीं हो सका है साढ़े 4 माह से नए नियम में विभाग उलझा हुआ है ।

दो दर्जन वैध रेत खदान है, लेकिन अवैध रेत खदान की संख्या इससे दोगुना है। अभी 20 वैध रेत खदान आवंटन के इंतजार में हैं, लेकिन दूसरी ओर उनमें से अधिकांश खदान से अवैध रेत खनन और परिवहन जोरों पर है। शहर में मोतीसागर पारा, गेरवाघाट, ढेंगुरनाला के साथ ही शहर के समीप भिलाई खुर्द, बरबसपुर, कुसमुंडा के करीब बरमपुर, छिरहुट, खोलर नाला, बालको में केसला और चुईया नाला, कटघोरा के डुडग़ा, उरगा बरीडीह कुछ ऐसी खदानें हैं।

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