आपत्ति से बैकफुट पर प्रशासन विकल्प भरने की समयसीमा 5 मार्च तक बढ़ाई

कोरबा 25 फरवरी। शासकीय कर्मचारियों को पुरानी और नई पेंशन के मामले में अंतिम रूप से फरवरी तक विकल्प भरने के लिए सरकार के द्वारा बनाया गया दबाव काम नहीं आया। लगातार इसे लेकर टकराव हो रहा था। छत्तीसगढ़ शिक्षक मोर्चा के पदाधिकारी संजय शर्मा की ओर से इस संबंध में आपत्ति दर्ज कराई गई और इसे तर्क सम्मत प्रस्तुत किया गया। ऐसे में प्रशासन बैकफुट पर आ गया। अब शासकीय सेवकों के लिए विकल्प भरने की समयसीमा 5 मार्च 2023 तक बढ़ाई गई है।

इस बारे में वित्त विभाग के अवर सचिव इंद्रप्रकाश रात्रे द्वारा आदेश क्रमांक 98/2016.4.03289 जारी किया गया है। सभी विभागाध्यक्ष सहित प्रशासन प्रमुखों को इसकी जानकारी दी गई है। कहा गया है कि पुरानी पेंशन योजना लागू होने के परिणाम स्वरूप शासकीय सेवकों व कार्यालय प्रमुखों के द्वारा आवश्यक कार्यवाही करने के परिप्रेक्ष्य में यह व्यवस्था दी गई है। पत्र में वित्त विभाग के 25 जनवरी के ज्ञापन का उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि वित्त निर्देश के द्वारा शासकीय सेवकों के लिए पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने अथवा एनपीएस में यथावत बने रहने के लिए विकल्प हेतु 24 फरवरी तक की समयसीमा अंतिम रूप से निर्धारित की गई थी। इस बारे में कई स्तर पर विचार किया गया।

विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन करने के साथ यह सुनिश्चित किया गया कि 24 फरवरी तक विकल्प की स्थिति देने के बजाय यह काम 5 मार्च तक किया जा सकता है। इस बारे में सर्व संबंधितों को अवगत कराया गया है। याद रहे पुरानी और नई पेंशन योजना में से किसी एक का प्रस्तुत करने के लिए संबंधित कर्मियों को प्रक्रियाएं करनी थी। इसे लेकर कुछ दिन पहले प्रशिक्षण भी दिया गया था। फिर भी कहा जा रहा था कि यह विषय पेंचिदा है इसलिए जब तक सभी चीजें स्पष्ट न हो जाए तब तक दबाव की नीति नहीं अपनाई जानी चाहिए। टीचर्स एसोसिसएशन कोरबा जिला इकाई के अध्यक्ष मनोज चौबे ने बताया कि शिक्षक और अन्य कर्मियों के हित में हमारा यूनियन लगातार काम करता रहा है। वर्तमान में ठोस पहल के अच्छे परिणाम हासिल हुए हैं।

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