गेवरा खदान में सीएमडी ने उत्पादन बढ़ाने दिया जोर, कोल साइडिंग जाकर डिस्पैच की गतिविधियों का लिया जायजा

कोरबा 05 दिसम्बर। एसईसीएल बिलासपुर के सीएमडी डॉ.प्रेमसागर मिश्रा ने रविवार को कंपनी के मेगा प्रोजेक्ट में शामिल गेवरा खदान का दौरा किया। अफसरों के साथ माइंस में उतरे सीएमडी मिश्रा नराईबोध ओबी पैच व कोल साइडिंग पर भी पहुंचे। उन्होंने लक्ष्य हासिल करने उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया।

चालू वित्तीय वर्ष के बचे 4 माह में लगभग 92 मिलियन टन कोयला उत्पादन की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एसईसीएल ने दिसंबर में 18.60 मिलियन टन का लक्ष्य रखकर महीने का कोयला उत्पादन का टारगेट बढ़ा दिया है। बीते 8 माह में इस बार का लक्ष्य अधिक है। इसके पहले नवंबर का टारगेट 15 मिलियन टन का था। बीते नवंबर में ही सीएमडी डॉ.मिश्रा मेगा परियोजनाओं में शामिल खदानों का दौरा कर चुके हैं। करीब पखवाड़े भर के भीतर उनका गेवरा खदान का दूसरा दौरा हुआ है। इसे काफी अहम माना जा रहा है। उन्होंने इस बार व्यू पाइंट से जायजा लेने के बजाय खदान में उतरकर उत्पादन स्थिति को जाना है। नराईबोध ओबी पैच पर पहुंचकर खनन गतिविधियों का जायजा लेने के बाद माइंस के कोल साइडिंग पर पहुंचकर डिस्पैच की गतिविधियों का भी जायजा लिया है।

कोयला कर्मियों के करीब डेढ़ साल से लंबित 11 वें वेतन समझौते को लागू करने हुई सातवीं बैठक में भी आपसी सहमति से कोई नतीजा नहीं निकल पाने से कोल इंडिया में हड़ताल की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। अगले साल जनवरी में होने वाले श्रमिक संगठनों के कन्वेंशन में इसकी तारीख का भी ऐलान होने की संभावना है। कोयला उत्पादन में तेजी आने के साथ ही कोयला परिवहन का लक्ष्य 16.74 मिलियन टन कर दिया गया है। सड़क व रेल मार्ग से परिवहन कर कोयला अलग-अलग स्थानों पर भेजा जाता है। नवंबर में 13.9 मिलियन टन कोयला परिवहन हुआ। इसी अवधि में 13.4 मिलियन टन परिवहन हुआ था।

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