महिलाओं का लैंगिक उत्पीडऩ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

कोरबा 01 दिसम्बर। हमारे देश में नारी सहनशीलता की मूरत है, तो उसे मां शक्ति का भी दर्जा है। महिलाओं में दर्द सहने की बुरी आदत सदियों की है, जिसे अगली पीढ़ी में स्थानांतरित करने की बजाय यहीं रोकना होगा। आज से ही आवाज उठाएं, डर लगे तो उन्हें बताएं, जिन पर आप भरोसा करतीं हैं। अपने तन की पीड़ा उनसे साझा करें, जिनसे आपके मन को शक्ति मिलती है। उत्पीडऩ का प्रतिकार करें और अपनी बेटियों को भी अन्याय का मुकाबला करने की शक्ति व सीख प्रदान करें। तभी हम भविष्य में एक आदर्श समाज की परिकल्पना साकार कर सकते हैं, जिसमें बेटा और बेटी सचमुच बराबर होंगे।

यह बातें बुधवार को केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-2 एनटीपीसी कोरबा में कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडऩ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता मौजूद रहीं व्याख्याता श्रीमती मंजुला श्रीवास्तव व्याख्याता ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का मार्गदर्शन करते हुए कही। कार्यक्रम की शुरूआत में विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती एम शारदा राव ने पुष्पगुच्छ से अतिथि वक्ता का स्वागत किया। कार्यशाला में अतिथि वक्ता के रूप में श्रीमती मंजुला श्रीवास्तव व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कटघोरा ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने अपने वक्तव्य में महिलाओं के साथ कार्यक्षेत्र में होने वाले विभिन्न प्रकार के उत्पीडऩ एवं अप्रिय घटनाओं के पर विस्तृत प्रकाश डाला तथा इनसे बचाव के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी दी। इस विषय के प्रति सचेत रहने के लिए उन्होंने संविधान में उल्लिखित धाराओं का जिक्र करते हुए दंड विधान पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने घरों में भी काम करने वाली महिलाओं के साथ होने वाली मानसिक एवं शारीरिक प्रताडऩाओं के बारे भी सजग रहने की सलाह दी। कार्यक्रम में शिक्षिका अर्चना खरेए संगीता रानी दास, सुमीत चौधरीए मनीष तिवारीए केके मिश्राए आर के देवांगनए सी एल आदित्य सहित विद्यालय के सभी स्टाफ ने भी उपस्थिति दर्ज कराते हुए सक्रिय रूप से भागीदारी निभाई। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन अजय साहू ने किया।

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