कोरबा 01 दिसम्बर। शहर की सड़कों पर घुम रहे पशु हादसों का कारण बन रहे हैं। शहर की मुख्य सड़कों पर कहीं भी इन पशुओं को घुमते हुए देखा जा सकता है। शहर में रेलवे रोड, बुधवारी, निहारिका, टीपी नगर, कोरबा शहर, बालको, सहित उपनगरी क्षेत्रों के सभी सड़कों पर इन दिनों आवारा पशुओं को घुमते हुए देखा जा सकता है। इन पशुओं में अधिकतर पशु गाय या गोवंश है। हालांकि शहर में इनके लिए गौशालाएं बनी हुई है। लेकिन उसके बाद भी सड़कों पर गाय और गोवंश खुले में घुम रहे है। ये पशु कई स्थानों पर तो सड़क के बीच बने डिवाइडर पर बैठे होते है। कई बार वाहन के आने पर यह डिवाइडर से उठकर सड़क पर आ जाते हैं। अचानक सड़क पर पशु के आने से वाहन चालक अनियंत्रित होकर सड़क पर गिर जाता है। यहीं नहीं कई स्थानों पर यह पशु सड़कों के बीचों बीच बैठे होते है। इससे जहां जाम की स्थिति होती है। जाम से लोगों को निकलने में परेशानी होती है। हादसों का खतरा रहता है।

सुबह से लेकर रात तक आवारा पशु सड़कों पर डटे रहते हैं। इन्हें सड़क से भगाने की कोशिश में ही दुर्घटनाएं घट जाती हैं। सबसे ज्यादा परेशानी बाजार के दिन होती है जब ये आवारा पशु बाजार में घुसकर अव्यवस्था उत्पन्न करते हैं और इन्हें भगाने की कोशिश में कई लोग घायल हो जाते हैं। इसके अलावा मार्ग में मवेशियों के कारण लोग सीधा से ड्राइव ही नहीं कर सकते। नगर के चौक-चौराहों व गलियों में आवारा पशुओं का डेरा कभी न खत्म होने वाली समस्या बन गई है।

पशु मालिक बेपरवाह:-शहर की सड़कों पर आवारा जानवरों का कब्जा होने के पीछे बहुत हद तक पशु मालिक भी जिम्मेदार हैं। मवेशियों से हित साधने के बाद इन्हें सड़कों पर आवारा घूमने के लिए इस तरह छोड़ दिया जाता है जैसे मवेशियों से उनका कोई नाता न हो। दुर्घटना में मवेशियों की मौत के बाद वे मुआवजा के लिए जानवरों पर दावा करते हैं।

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