उड़ रही नियमों की धज्जियां: दिन-रात दौड़ते है भारी वाहन
कोरबा 22 नवम्बर। भारी वाहनों के लिए स्थानीय स्तर पर विकल्प उपलब्ध कराने के बावजूद समस्याएं बनी हुई है। मुख्य सड़कों पर भारी वाहन दिन.रात दौड़ते हुए नजर आ रहे हैं और नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इन सबसे अलग यातायात पुलिस का बेहिचक दावा है कि केवल दोपहर में चार घंटे नो एंट्री को शिथिल किया जाता है और इतनी देर तक वाहन दौड़ते हैं। पॉवर सिटी कोरबा का दायरा बढऩे के साथ अलग-अलग कारणों से वाहनों का दबाव भी बढ़ रहा है।
औद्योगिक और व्यवसायिक प्रयोजन से अलग-अलग क्षेत्र से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में वाहनों की पहुंच यहां होती है। पिछले वर्षों में इसके लिए सीमित रास्ते थे और यहां से होकर सभी तरह के वाहनों की आवाजाही की जाती रही। बाद में समस्याओं को देखते हुए सहूलियत दी गई और नए रास्ते तैयार किये गए। सीएसईबी चौक, महाराणा प्रताप प्रतिमा होते हुए मुड़ापार की तरफ से बायपास रोड बनाया गया। इसका उपयोग कोयला वाहनों के लिए होना था लेकिन इस पर भी पैरामीटर बदल दिए गए। इस सड़क पर नियम विरूद्ध तरीके से घंटों सभी तरह के वाहनों की आवाजाही हो रही है और लोग परेशान हो रहे हैं। बुधवारी बाजार में बुधवार को दिनभर लोगों की चहल पहल रहती है। दोपहर बाद सब्जी भाजी या अन्य सामान की खरीदी के लिए लोगों की भीड़ होने लगती है। दोपहर तीन बजे से रात आठ बजे तक बाजार में सब्जी भाजी की खरीदी के लिए लोग बड़ी संख्या में बाजार में रहते हैं। बुधवारी बाजार, कांशीनगर, आरामशीन, रविशंकर, शारदा विहार, मुड़ापार, महाराणा प्रताप नगर, राजेन्द्र प्रसाद नगर, कोसाबाड़ी और बिजली कंपनी कोरबा पूर्व कॉलोनी में रहने वाले लोगों के अलावा पथर्रीपारा के लोग भी बुधवारी का साप्ताहिक बाजार करते हैं। बाजार दिवस पर भारी वाहनों की मौजूदगी से हादसों का डर बना रहता है। पता चला है कि पिछले वर्षों में प्रस्तावित किया गया था कि बुधवार को इस इलाके में भारी वाहनों का संचालन पूर्णतरू बंद रखा जाएगा। इस प्रस्ताव पर कुछ दिन अमल हुआ लेकिन बाद में इसे दफन कर दिया गया। फिर भी इस तरह की ढिलाई समझ से परे है।