शांति व्यवस्था: मवालियों व गुण्डों की खंगाली जा रही कुंडली

कोरबा 2 सितम्बर। सितंबर-अक्टूबर एवं नवंबर माह यानि कुल तीन माह त्योहारों का महीना माना जाता है। ऐसे में आने वाले दिनों में त्योहारों के दौरान होने वाले सार्वजनिक कार्यक्रमों, उत्सवों व पंडालों के आसपास शांति बनी रहे इसलिए ऐसे मवालियों एवं गुंडों की कुंडली खंगाली जा रही है जो कार्यक्रमों में विघ्नसंतोष पैदा कर सकते हैं।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विगत कुछ दिनों से प्रदेश की राजधानी रायपुर, न्यायधानी बिलासपुर एवं ऊर्जाधानी कोरबा में कुछ ऐसी घटनाएं कार्यक्रमों के दौरान घटित हुई है जिसके कारण पूरा पुलिस महकमा सचेत हो गया है। इसी के चलते प्रत्येक जगह सार्वजनिक कार्यक्रम या पूजा या प्रवचन के अलावा मेला एवं अन्य उत्सवों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए गुंडा, मवालियों के पूर्व रिकार्ड को भी आधार बनाकर खंगाला जा रहा है। इनके अलावा नए सिरे से पनप रहे मवालियों के भी पर कतरने के लिए उनके भी अब तक किये गए अपराधों और कृत्यों को भी सूचिबद्ध तरीके से कडिय़ों में पिरोया जा रहा है। जिससे कि ऐसे तत्वों के उपर कार्रवाई करने में ज्यादा छानबीन की जरूरत नहीं पड़े। बताया जाता है कि पुलिस के आला अधिकारियों के मार्गदर्शन एवं राजपत्रित पुलिस अधिकारियों के पर्यवेक्षण में थाना एवं चौकियों के प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में बराबर गणेशोत्सव से लेकर दशहरा उत्सव मनाने वाली समितियों के पदाधिकारियों का पूरा रिकार्ड अपने पास रखेंगे। इसके अलावा कहां और किस क्षेत्र में कब-कब सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं डांडिया जैसे उत्सवों का आयोजन होना है। इस दौरान किन संदेहियों के द्वारा उसमें व्यवधान पैदा किये जाने की संभावना रहेगी, ऐसे लोगों का भी रिकार्ड संबंधित क्षेत्र के थाना एवं चौकी प्रभारी अपने पास बराबर उपलब्ध रखेंगे। यदि किन्हीं कारणों व संबंधित प्रभारी अवकाश पर अथवा विभागीय कार्य से अपने मुख्यालय से बाहर रहेंगे उस दौरान उपरोक्त तथ्यात्मक जानकारी अपने द्वारा जिस मातहत अधिकारी को कार्यवाहक प्रभार दिया जाएगा उसे उसकी जानकारी भी पूरी तरह से उपलब्ध कराने की जवाबदेही भी निश्चित की गई है।

जानकारी के अनुसार इस बार पुलिस पूरी तरह से हाइटेक इन्वेस्टिगेशन के माध्यम से प्रत्येक क्षेत्र में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों तथा अपने चौथी आंख के रूप में माने जाने वाले खास मुखबिरों के माध्यम से प्रत्येक क्षेत्र की पल.पल की डिजिटल जानकारी भी वाट्सऐप के माध्यम से लेते रहेंगे। जिससे कि पिछले दिनों जैसी घटित बड़ी घटनाएं घटित न हो सके। इसी वजह से इस बार पुलिस का पूरा तौर-तरीका अपराध नियंत्रण एवं अपराधियों पर अंकुश लगाने के मामले में हाईटेक तरीके से कार्रवाई किया जाना माना जा रहा है। ऐसे में देखना यह है कि पुलिस का यह कार्रवाई का नजरिया और एक्शन प्लान कितने हद तक कारगर होता है।

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