भू-विस्थापितों ने कहा: वादाखिलाफी नहीं चलेगी, पांच अगस्त को खदानबंदी की चेतावनी दी

कोरबा 25 जुलाई। किसानसभा ने एसईसीएल प्रबंधन पर नौकरी, बसावट व अन्य मांगों के निराकरण के नाम पर आश्वासन देकर वादा-खिलाफी का आरोप लगाया है। किसान सभा और भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ ने एसईसीएल के कुसमुंडा महाप्रबंधक संजय मिश्रा व गेवरा सीजीएम एसके मोहंती को पत्र देकर लंबित रोजगार प्रकरण, बसावट सहित 16 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है और निराकरण नहीं होने पर 5 अगस्त को कोल इंडिया के मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा, दीपका और गेवरा सहित तीनों खदानों के उत्पादन को बंद करने की चेतावनी दी है।

इसके साथ ही महाप्रबंधक कार्यालयों का घेराव करने और दफ्तरों में तालाबंदी की चेतावनी भी दिया है। संगठन का कहना है कि छत्तीसगढ़ किसान सभा भू विस्थापितों रोजगार एकता संघ की संयुक्त रूप से एसईसीएल गेवरा महाप्रबंधक के कार्यालय में कुसमुंडा व गेवरा महाप्रबंधक के साथ सभी क्षेत्रों के भू-विस्थापितों के लंबित रोजगार, बसावट व प्रभावित गांव की मूलभूत समस्याओं को लेकर बैठक में लगभग 3 घंटे तक चर्चा हुई। जिसमें एसईसीएल की ओर से बैठक में मांगो को पूरा करने के लिए और समय मांगा। जिस पर भू-विस्थापितों ने और समय देने से इंकार कर दिया और प्रबंधन पर झूठा आश्वासन देने का आरोप लगाते हुए आंदोलन का ऐलान किया। इस दौरान दामोदर श्याम,रेशम यादव,बलराम,दीना, सनत, रघु, मोहन कौशिक, टकेश्वर, राजेश, डुमन, विजय, नरेंद्र, घनाराम, हेलाल, बजरंग सोनी, शेखर, बेदराम, नारायन, मोहन यादव, अशवनी, बसंत चौहान, हरी शंकर, होरीलाल, सुमेन्द्र सिंह, रामप्रसाद, नागेश्वर पंकज,गोरेलाल सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि एसईसीएल ने कुसमुंडा, गेवरा, कोरबा, दीपका क्षेत्र के खदान के लिए कई गांव का अधिग्रहण किया है, लेकिन आज भी बड़ी संख्या में भू-विस्थापित रोजगार के लिए कार्यालयों के चक्कर काट रहे है। कुसमुंडा में जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर 266 दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है। लेकिन प्रबंधन भू-विस्थापितों से हर बार केवल समय की मांग करता है और गुमराह किया जाता है। किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक,भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के दामोदर श्याम,रेशम यादव, बलराम, रघु ने कहा कि जिनकी जमीन एसईसीएल ने ली है। ज्ञापन में प्रभावित गांवों में बिजली और पानी की सुविधा नि:शुल्क देने व अन्य सभी प्रभावित छोटे-बड़े खातेदारों को स्थाई नौकरी देने,आंशिक अधिग्रहण पर रोक लगाने, मकानों का मुआवजा व अन्य मुद्दों को लेकर पत्र दिया।

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