हर बुधवार

चेम्बर चुनाव के सपने में हनुमान जी

पिछले दिनों जिला चेम्बर ऑफ कामर्स का चुनाव हुआ। चुनाव निर्विरोध करा लिया गया। इस बहती गंगा में कई लोगों ने हाथ धो लिये। इन्हीं में एक ब्यापारी ऐसा भी था, जिसे हनुमान जी ने सपने मैं आकर चुनाव लड़ने का आदेश दिया था और जीतने की गारंटी दी थी। दरअसल इस व्यापारी ने नामांकन दाखिल किया तो निर्विरोध चुनाव के लिए मान मनौब्बल का दौर शुरू हुआ। इनसे बात की गई, तो जवाब मिला- पिछली रात मुझे सपने में हनुमान जी ने चुनाव लड़ने का आदेश दिया है। उन्होंने जीत की गारंटी भी दी है। मैं नाम वापस नहीं लूंगा। लोग मायूस हो गये। लेकिन प्रयास जारी रहा। किसी ने कहा- छोरे को लीलीपाप पकड़ा दो। चुपचाप बैठ जायेगा । हुआ भी यही। जैसे ही उसे आश्वासन दिया गया, कि चुनाव मत लड़ो, तुम्हें बिना लड़े ही एक सीढ़ी नीचे की कुर्सी मिल जायेगी, बंदा, अपनी हेकड़ी छोड़कर रास्ते पर आ गया। बंदे के सपने में हनुमान जी आये थे या नहीं? यह कहना तो कठिन है, लेकिन इसे सच मान लिया जाए और हनुमान जी के लड़ने के आदेश का पालन नहीं करने के कारण, बजरंगबली कुपित हो जायेंगे तो क्या होगा ?

बाहर ताला – भीतर घोटाला

हाल ही में कोरबा सहित छत्तीसगढ़ ‌के 27 ठिकानों में आयकर विभाग का छापा पड़ा। इसी बीच तबादला का धमाका हुआ। दोनों घटनाक्रमों के दौरान कोरबा में एक तिसरी घटना भी हुई, जो इन दिनों चर्चा में है। बताते हैं- रात के अंधेरे में एक शासकीय आवास के मुख्य द्वार पर बाहर ताला लटका हुआ था। लेकिन आवास के भीतर गजब की सरगर्मी थी। निर्माण कार्यों में घोटाले को लेकर चर्चित विभाग के अफसर के आवास में पूरी रात कागज फड़फड़ाते रहे | अजीब सी सरगोशियां होती रही। ए. सी. में बैठकर जिले की चौकड़ी पसीना बहाते हुए रात भर ए. एस. तैयार करता रहा। सुबह, मुँह अंधेरे सभी कागजों पर चिड़िया बिठाने का काम भी संपन्न हो गया। कहते हैं- एक ही रात में लम्बा-चौड़ा हिसाब- किताब कर लिया गया। यहाँ तक तो ठीक था, लेकिन अब ठेकेरार परेशान है। उन्हें आशंका है कि कहीं दाम – टुपट्ट न लग जाये ? इसीलिए बहुतों ने काम शुरू नहीं किया है। लेकिन कुछ ने काम शुरू कर दिया है, क्योंकि उनकी गजब की सेटिंग है। ये वे लोग हैं, जो करते हैं- खर्चा चवन्नी और लेते हैं- पूरा रुपय्या।

माया और भरोसा का क्या होगा ?

कलेक्टर रानू साहू के कार्यकाल में जिले के दो अफसरों का भारी जलवा था। सहायक आयुक्त माया वारियर और संयुक्त कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर का। माया वारियर ने करीब 28 करोड़ रूपयो के 18 टेडर बुलाये। ट्रांसपोर्ट नगर के एक होटल में ठेकेदारों की बैठक हुई। बैठक में कहते हैं, कुछ ने लेन देन कर लिया और कुछ ने काम बांट लिया। कुछ लोगों को फायदा पहुँचाने के लिए विशेष शर्त के साथ आहूत टेण्डर को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। लेकिन हाईकोर्ट की परवाह किये बिना वर्क आर्डर जारी कर दिया गया। सहायक आयुक्त का हौसला तभी से चर्चा में है। उधर संयुक्त कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर भी डी. एम. एफ. का नोडल अधिकारी बन कर चर्चित हो गये। भरोसा राम ठाकुर को लेकर लोगों का भरोसा ऐसा कि- दबी जुबान कहते हैं- चिड़िया उड़-‌ चिड़िया बैठ। उनके इशारे पर चिड़िया उड़ जाती है और वो संकेत कर दें तो चिड़िया बैठ जाती है। लेकिन ये तो पुरानी बात हैं। नयी बात यह है कि लोग आपस में खुसुर फुसुर करने लगे हैं कि-अब माया और भरोसा का क्या होगा ?

मिर्ची @ गेंदलाल शुक्ल, सम्पर्क- 098271 96048

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