कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में लगाया अघोषित आपातकाल, भाजपा करेगी ‘लोकतंत्र की रक्षा में जेल भरो आन्दोलन’

कोरबा 01 मई. भारतीय जनता पार्टी प्रदेश नेतृत्व के निर्देशानुसार आगामी 16 मई को वर्तमान कांग्रेस सरकार के अघोषित आपातकाल के विरोध में भाजपा द्वारा “लोकतंत्र की रक्षा में जेल भरो आंदोलन” तय किया गया है । इसी विषय को लेकर आज रविवार जिला भाजपा कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया । इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को रामपुर विधायक श्री ननकीराम कंवर, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्री लखन लाल देवांगन एवं भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ राजीव सिंह ने संबोधित किया । पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा के नेताओ ने कहा की
आज मजदूर दिवस है। इसकी आप सबको शुभकमनाएं और बधाई। देश के श्रमजीवियों समेत समाज के सभी तबकों ने अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लम्बी लड़ाइयां लड़ी है और उसके बाद हम आज यहां तक पहुंचे हैं। दुर्भाग्य यह है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब असहमति के हर आवाजों का दमन करना चाहती है। उसने एक काला आदेश निकाल कर रैलियों और प्रदर्शनों पर कड़े प्रतिबन्ध और शर्तों को थोपने का काम किया है ।

आप सभी अच्छी तरह जानते हैं कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के सपनों को छलने का काम किया है। उसने प्रदेश की सीधी-सच्ची जनता को दर्जनों लुभावने सपने दिखा कर, उनसे सैकड़ों वादे कर सत्ता हड़प ली । और अब जिस जनता ने उसे सत्ता सौंपी, उसी के साथ वह बर्बरता की सीमा लांघते हुए, प्रदेश के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार की नृशंस हत्या कर रही है। ऐसे समय पर जब भाजपा बाबा साहेब डा. भीम राव अम्बेडकर जी की जयंती को ‘सामाजिक न्याय पखवाड़ा’ के रूप में मना रही है, तब छत्तीसगढ़ की जनता के साथ कांग्रेस असामाजिक, अलोकतांत्रिक अन्याय करने पर उतारू है। बाबा साहेब के संविधान द्वारा प्रदत्त लोकतांत्रिक अधिकारों की हत्या की कोशिश कर रही है कांग्रेस। भूपेश सरकार ने एक तुगलकी आदेश जारी कर प्रदेश भर के सभी निजी, सार्वजानिक, धार्मिक, राजनीतिक, अन्य संगठनों द्वारा प्रस्तावित आयोजनों पर जिसमें भीड़ आती हो, उसे रोकने के लिए 19 बिंदुओं की शर्तें लगाई गयी हैं, और उसका कठोरता से पालन सुनिश्चित करने को कहा है।

इन शर्तों का पूरी तरह पालन कर कोई भी बड़ा धार्मिक/राजनीतिक /सामाजिक आयोजन संभव ही नहीं है। अतः सीधे तौर पर सरकार यह चाहती है कि जन संगठनों के विरोध प्रदर्शनों को, असहमति की आवाज़ को, विपक्ष को, धार्मिक भावनाओं को अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचल दे। कांग्रेस का ऐसा करने का इतिहास भी रहा है, आपातकाल लगा कर उसने हमें जीने तक के अधिकार से वंचित कर दिया था। ऐसे समय पर जब कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश के किसान, युवाओं के साथ धोखा हुआ है। जब शिक्षक अभ्यर्थी, विद्या मितान, पुलिस अभ्यर्थी, बिजली कर्मचारी, कोरोना वारियर्स, संविदा कर्मी, आदिवासी, महिलायें, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं…. सभी अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हैं, जब प्रदर्शन के दौरान किसान अपनी जान दे रहे हैं जैसा नया रायपुर में हुआ, युवा आत्महत्या कर रहे हैं, तब इन आक्रोशों को ख़त्म कर उन्हें न्याय देने के बदले, कांग्रेस सरकार उनकी जुबान बंद करने पर उतारू है। जबरा मारे और रोने भी न दे।

लखीमपुर में छग का करोड़ों लुटा आने वाले बघेल के पास अपने मतदाताओं को देने के लिए बस लाठी है, जिस तरह रायपुर में आंदोलनकारियों को पिछले हफ्ते ही जूतों से कांग्रेस सरकार द्वारा कुचला गया, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक के द्वारा जम कर उन पर लाठीमुक्के बरसाए गए, अब इस नए तुगलकी आदेश के बाद ऐसे तत्व और किस तरह जनता का दमन करेंगे, इसकी कल्पना की जा सकती है। इस आदेश में सबसे आपत्तिजनक और असंवैधानिक बिंदु आयोजकों से हलफनामा लिया जाना है। उसके बाद आयोजन के दौरान किसी भी तरह का कथित उल्लंघन होने पर सीधे उन पर कानूनी कार्यवाही होगी। अब अब प्रदेश में हर कार्यक्रम अंततः शासन के रहमोकरम पर निर्भर रहेगा। आखिर कोई शासन अपने ही खिलाफ किसी प्रदर्शन के लिए अनुमति क्यों देगा?

इस आदेश से अब जब भी शासन का मन होगा वह किसी न किसी शर्त के उल्लंघन के आरोप में आयोजकों को जेल में डाल देगी। या किसी न किसी बहाने प्रदर्शन की अनुमति ही नहीं देगी। आयोजकों पर हमेशा आतंक बना कर रखना चाहती है सरकार इस आदेश में ऐसे-ऐसे प्रावधान हैं जिससे जान-बूझकर भी किसी आयोजन में अशांति पैदा कर भी उसके आयोजकों को जेल भेजा जा सकता है। उन्हें सज़ा दिला सकती है कांग्रेस । स्वतंत्र भारत के इतिहास में बिना घोषित किये हुए ऐसा आपातकाल लगा देने का ऐसा शायद अन्य कोई उदाहरण नहीं होगा। दुःख की बात यह है कि इन्हीं आन्दोलनकारियों के पास जा-जा कर समर्थन के लिए हाथ फैला कर भूपेश बघेल आज यहां तक पहुंचे हैं। लेकिन सत्ता के अहंकार में अब इनकी मांगों पर विचार करना तो दूर, इनकी आवाजें तक छीन लेना चाहती है कांग्रेस। इससे अनैतिक, आपराधिक, असंवैधानिक, असभ्य, निंदनीय कदम किसी सरकार का और क्या हो सकता है भला?

इस आदेश में उल्लिखित शर्तों के बिंदु 8, 12, 13, 14, 15, 18 और 19 में खासकर ऐसे प्रावधान हैं जो सीधे तौर पर हमारे संवैधानिक मौलिक अधिकारों का हनन करते हैं। इनमें अनेक नियम तो ऐसे हैं जिसे पढ़ कर ऐसा लगता मानो कांग्रेस यह मान बैठी है कि ऐसे सभी आयोजक तब तक अपराधी हैं, जब तक कि वे निरपराध साबित न हो जायें। और खुद को निरपराध साबित करने की जिम्मेदारी भी मानो खुद आयोजक की हो। शासन उन्हें ऐसा संदिग्ध मानेगा, मानो वे आदतन अपराधी हों। ऐसा आदेश तो कभी अंग्रेजों ने भी नहीं दिया था जैसा उनके उत्तराधिकारी कांग्रेसी दे रहे । इस सनक भरे आदेश के तहत कांग्रेस वस्तुतः अपने राजनीतिक विरोधियों को और असहमति की आवाज़ बुलंद करने वाले समूहों दलों को चुन-चुन कर निशाना बनाने की फिराक में है। इसके तहत व्यव्हार में केवल कांग्रेस को ही अभिव्यक्ति एवं प्रदर्शन का अधिकार रह जाएगा। जैसा उसने इस आदेश के बाद भी बिना डीआरएम घेराव अनुमति अनेक कार्यक्रम कर साबित भी किया है। कांग्रेस की स्वेच्छाचारिता और उसका दमन इससे बढ़ेगा। वह इस आदेश की आड़ में अब लगातार टार्गेटेड हमले करेगी।

आप पत्रकार बंधुओं के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी, समाज के सभी वर्गों, संगठनों का आह्वान करती है कि अपनी आज़ादी की रक्षा और लोकतांत्रिक अधिकार की बहाली हेतु सब साथ आयें और विरोध करें। साथ ही भाजपा स्पष्ट तौर पर कांग्रेस सरकार को यह चेतावनी देना चाहती है कि 15 दिन के भीतर अपना यह काला आदेश वापस ले, अन्यथा पार्टी लोकतंत्र की रक्षा में जेल भरो आन्दोलन समेत हर तरह का आंदोलन करने, बलिदान देने सड़क पर उतरने को मजबूर होगी और इसकी सारी जिम्मेदारी कांग्रेस की होगी । कांग्रेसी आपातकाल के खिलाफ पूर्व में भी आज़ादी की दूसरी लड़ाई लड़ कर जैसे देश ने जीत हासिल की थी, उसी तरह निश्चय ही हम छत्तीसगढ़ के लोग आज़ादी की इस तीसरी लड़ाई को भी दम-ख़म से लड़ते हुए कांग्रेस को फिर परास्त करेंगे। कांग्रेस सरकार को हम हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों से खेलने नहीं देंगे। हम यह आदेश वापस लेने कांग्रेस को फिर से चेतावनी देते हैं।

इस अवसर पर पूर्व गृहमंत्री रामपुर विधायक ननकीराम कंवर जी, पूर्व संसदीय सचिव एवं भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्री लखन लाल देवांगन जी, भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ राजीव सिंह जी, भाजपा महामंत्री संतोष देवांगन जी, जिला मंत्री संदीप शहगल जी, जिला मीडिया प्रभारी मनोज मिश्रा जी, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष श्रीमती वैशाली रत्नपारखी जी, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष पंकज सोनी जी, जिला सोशल मीडिया संयोजक अजय कुमार चंद्रा जी, विमल सिंह राजपूत जी, सुरेश कंवर जी उपस्थित रहे

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