सतर्कता समिति के सदस्य बंधक बनाए गए पीड़ित ग्रामीणों के घर पहुंचे

कोरबा 20 जनवरी। कर्नाटक में बंधक बनाए गए सात बिरहोर आदिवासियों को छुड़ाने की कवायद प्रशासन ने शुरू कर दी है। बुधवार को जिला स्तरीय सतर्कता समिति के सदस्य पीड़ित ग्रामीणों के स्वजनों से घर पहुंच कर मुलाकात की और विवरण लिया।

ग्राम पंचायत अजगरबहार, लेमरू व देवपहरी के रहने वाले जोतराम बिरहोर 17 वर्ष, भवन राम बिरहोर 16 वर्ष, राम सिंह कोरवा 36 वर्ष, दिलीप कुमार 22 वर्ष, टिकाउराम 26 वर्ष, पुसउराम कोरवा 18 वर्ष व पुन्नााीराम बिरहोर 16 वर्ष को करीब एक माह पूर्व 15 दिसंबर 2021 को बांधापाली के रामपुर में रहने वाला सुभाष केंवट अपने साथ अधिक वेतन दिलाने का वादा कर कर्नाटक ले गया। यहां उसने बैंगलोर के बैटिक ग्राम में संचालित एक बोरबेल कंपनी में काम लगवा दिया, लेकिन उन्हें वहां काम करना पसंद नहीं आया। तब उसने दूसरे दिन एक अन्य बोरवेल कंपनी से बात कर नए ठेकेदार के हवाले उन्हें करवा दिया और खुद वापस लौट आया। कुछ दिनों तक काम करने कर्नाटक गए ग्रामीणों से मोबाइल पर संपर्क रहा, पर अचानक सभी के मोबाइल बंद हो गए और संपर्क टूट गया। इसकी शिकायत परेशान स्वजनों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में की। प्रशासन व पुलिस दोनों ने संयुक्त रूप से मजदूरों की सकुशल वापसी का प्रयास शुरू कर दी है।

सतर्कता समिति के सदस्य रमेश दास महंत, सीताराम चौहान व अमृता उरांव पीड़ित ग्रामीणों के घर पहुंचे और उनसे रूबरू हुए। उधर सहायक श्रम आयुक्त राजेश कुमार आदिले ने बताया कि उन्हें कर्नाटक के अतिरिक्त श्रम आयुक्त मंजूनाथ से चर्चा की है। साथ ही ग्रामीणों को ले जाने वाले एजेंट सुभाष से भी बात की है। पहले जहां मजदूरों को काम पर लगाया था, वहां सुभाष को कम पैसे मिलने के कारण बात नहीं बनी, तो ग्रामीणों को दूसरी जगह काम पर लगा दिया। काम कराने वाले ठेकेदार ने बताया है कि मजदूरों को देने के नाम से 15 से 25 हजार रुपये एडवांस ले लिया है। आदिले का कहना है कि सभी मजदूरों की वापसी रविवार तक हो जाएगी। उन्होंने यह भी बताया है कि मजदूर कर्नाटक में सकुशल हैं, उनकी वापसी के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

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