शासकीय स्कूल के बच्चों को नहीं मिल रही ऑनलाइन क्लास की सुविधा

कोरबा 13 जनवरी। कोरोना संक्रमण के कारण जिला प्रशासन ने सात जनवरी से शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया है। ऑफलाइन कक्षाएं बंद होने के बाद बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जानी है लेकिन अब तक शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय स्कूलों के बच्चों को ऑनलाइन क्लास से जोड़ा नहीं गया है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मार्च से बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जानी है। पढ़ाई नहीं होने से 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थी व परिजन काफी चिंतित हैं। प्रायमरी और मिडिल स्कूल के बच्चों के लिए घर में अवकाश जैसा माहौल बना हुआ है।

आमतौर पर शिक्षा सत्र की शुआत 15 जून से शुरू होती है लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण शिक्षा सत्र की शुरूआत इस बार एक अगस्त से शुरू हुई है। 46 दिन विलंब से शुरू हुई सत्र के 199 में 78 दिन रविवार और दशहरा-दीपावली अवकाश में बीत गया। जनवरी माह से तीसरी लहर शुरू होने के बाद स्कूलों में गीष्म अवकाश जैसी स्थिति बनी हुई है। नियमित स्कूल नहीं लगने से बच्चों के लिए पढ़ाई अब महज औपचारिक ही रह गया है। वैसे भी सत्र जारी रहने के दौरान जब बच्चे स्कूल आ रहे थे तब शिक्षक अवकाश में थे। अब शिक्षक स्कूल आ रहे हैं पर कोरोना के कारण बच्चे स्कूल से दूर हैं। दिसंबर माह के दूसरे पखवाड़े में प्रायमरी स्कूल के शिक्षकों ने वेतन विसंगति दूर करन की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने की घोषणा करते हुए सामूहिक अवकाश ले लिया था। इसी बीच पदोन्नाति नहीं किए जाने का कारण बताते हुए व्याख्याताओं ने प्रदर्शन किया था। प्रायमरी के बच्चों को पढ़ाने के लिए मिडिल के शिक्षकों को लगाया गया था। कुल मिलाकर जारी सत्र कोरोना संक्रमण और धरना प्रदर्शन में बीत रहा है। वहीं इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी जी पी भारद्वाज का कहना है कि आनलाइन कक्षाएं संचालित हैं। बच्चों का वाट्सएप ग्रुप पहले से उपलब्ध है। सभी शिक्षकों को समय पर कोर्स पूरा करने के लिए कहा गया है। कोरोना संक्रमण के बीच बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।

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