बारिस में धान नुकसान नहीं होने का दावा

कोरबा 29 दिसंबर। एक दिन पहले चार घंटे से भी अधिक समय तक हुई बारिश ने मौसम के तेवर नरम कर दिए हैं। अनेक स्थानों जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। सब्जीभाजी की पैदावार पर असर पड़ा। दूसरी ओर दावा किया जा रहा है कि जिले में सरकारी उपार्जन केन्द्रों में इस बारिश से धान के स्टाक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और न नुकसान हुआ।

जिला खाद्य अधिकारी जेके सिंह ने बताया कि किसी भी क्षेत्र से दुष्प्रभाव या क्षति की कोई सूचना हमारे पास तक नहीं पहुंची है। वैसे भी सभी क्षेत्रों में खास तौर पर धान उपार्जन की व्यवस्था को लेकर पहले से ही सख्त निर्देश दिए गए थे और इसके अंतर्गत काम करने को कहा गया था। मौसम बिगडऩे पर क्या कुछ करना है, इसके लिए जरूरी संसाधन समितियों ने कर रखे थे। मौके पर खरीदी गई धान को सुरक्षा कवच दिया गया। इस तरह वहां पर कोई नुकसान नहीं हो सका। यह बात और है कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से आज की धान खरीदी ब्रेक की गई है और जिन किसानों को टोकन दिए गए हैं उनके मामले में 5 दिन का विकल्प बढ़ा दिया गया है। खबर यह भी है कि कोरबा जिले में बागवानी फसलों को इस बारिश के कारण कुछ हद तक नुकसान हो सकता है। जानकारों ने बताया कि ओलावृष्टि होने पर ज्यादा नुकसान होता है लेकिन ऐसे नजारे यहां पर नहीं बने।

आफत यह भी है कि जिले के हजारों किसानों की पैदावार अभी भी उनके खलिहान में पड़ी है। दूसरी बात यह है कि मौजूदा स्थिति में ऐसे अनाज उत्पादकों ने टोकन भी नहीं कटवाया है। विक्रय की व्यवस्था के लिए यह विकल्प दिया गया है। इससे पहले बारिश ने अपनी उपस्थिति के कारण परेशानियां पैदा कर दी। संकट इस बात का है कि जिन किसानों ने अगले दिनों में खलिहान में पड़ी धान को नजदीकी उपार्जन केन्द्र में ले जाने की योजना बनायी थी, उस पर तुषारापात हो गया। जानकारी होने पर भीगे हुए धान को उपार्जन केन्द्र वाले आसानी से खरीदेंगे, इसमें संदेह है। यही विषय किसानों की चिंता को बढ़ा रहा है।

Spread the word