तस्करों को संरक्षण देने खनिज विभाग शुरू नहीं कर रहा रेत घाट

कोरबा 29 नवम्बर। शहर के भीतर के दो रेतघाट गेरवा और सीतामढ़ी को मानसून खतम होने के दो महीने बाद अब तक प्रारंभ नहीं किया गया है। गेरवा घाट में सर्वेश्वर एनीकट का भर जाने की वजह से वैकल्पिक नए घाट की तलाश की जानी हैए पर खनिज विभाग की लापरवाही की वजह से यह कार्य भी तक पूर्ण नहीं हो सका है। सीतामढ़ी रेतघाट का ठेकेदार नवीनीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर रहा। इसकी वजह से यहां भी पेंच फंसा हुआ है। उधर अवैध रेत उत्खनन और परिवहन धड़ल्ले से चल रहा। डेढ़ हजार रूपये ट्रैक्टर में बिकने वाला रेत साढ़े तीन से चार हजार में बेचा जा रहा।

शहर के घाट बंद होने से ढेंगुरनाला, सुमेधा, धनगांव, भिलाई खुर्द सहित दर्जन भर से अधिक जगहों से रेत का अवैध परिवहन हो रहा है। नौबत यह आ गई है कि माफिया रेत क्विंटल भाव से बेच रहे हैं। रेत की किल्लत से आम लोगों के लिए आवास बनाना छड़ और सीमेंट से भी अधिक महंगा साबित हो रहा। तीन लाख से उपर आबादी वाले शहर में मानसून बीतने के दो माह बाद भी समस्या का निराकरण न होना प्रशासनिक नाकामी को दर्शाता है। रेत की किल्लत को माफियाओं ने कमाई का जरिया बना लिया है। निर्माण कराने वाले आम लोगों को रेत खरीदी के नाम पर जेब ढीली करनी पड़ रही। इधर अधिक कीमत में रेत बिक्री की जानकारी होने के बावजूद खनिज विभाग अंजान बना है। घाटों का वैध रूप से शुरू नही होना वाहन मालिकों के लिए वरदान साबित हो रहा। शहर के निकट भैसामुड़ा और तरदा घाट को खनिज ने स्वीकृति दे दी हैए लेकिन यहां से शहर तक परिवहन में खर्च अधिक होने की वजह से लोग अवैध रेत को लेने पर मजबूर हैं। गेरवा घाट से रेत शहर में आसानी से पूर्ति हो जाती थी लेकिन सर्वेश्वर एनीकट के अस्तित्व में आने के बाद घाट में पानी भर गया हैए इस वजह से अघोषित घाटों से रेत निकाला जा रहा है। वैकल्पिक तौर पर नए घाट की तलाश अभी तक पूरी नही हुई है। गेरवा के बंद घाट के विकल्प के तौर पर गेवरा.2 घाट को देखा जा रहा है। पहले से ही यहां एक घाट चालू हैए ऐसे में एक जगह में दूसरा घाट शुरू करना खनिज विभाग के लिए मुश्किल है। इसी तरह सीतामढ़ी घाट के नवीनीकरण के लिए पूर्व ठेकेदार ने अभी तक आवश्यक दस्तावेज जमा नही किया है। जिससे घाट शुरू करने में देरी हो रही है। ठेका निरस्त कर नई निविदा जारी नहीं करना भी रेत की किल्लत को बढ़ावा देना साबित हो रहा। खनिज विभाग की कार्यशैली से यह स्पस्ष्ट कि वैध रेत घाट शुरू करने में जान बूझ कर विलंब किया जा रहा ताकि अवैध रूप से तस्कर करने वालों का काम चलता रहे।

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