रोड सेल में नहीं मिल रहा पर्याप्त कोयला

कोरबा 17 अक्टूबर। कोयला संकट से निपटने के तमाम कवायदों के बीच रेल मार्ग से कोयला आपूर्ति तो आंशिक रूप से बढ़ा दी गई है, पर अभी रोड सेल में चलने वाले ट्रेलरों को पर्याप्त कोयला नहीं मिल पा रहा। सामान्य दिनों में साउथ इस्टर्न कोलफिल्डस लिमिटेड, (एसईसीएल) दीपका, गेवरा व कुसमुंडा से प्रतिदिन औसतन 24 हजार टन कोयला मिलता था, जो घट कर आठ हजार टन हो गया है।

कोल इंडिया की सभी कंपनियों में सामान्य और व्यवसायिक उपयोग के लिए रोड सेल से कोयला की आपूर्ति की जाती है। एसईसीएल में भी इस व्यवस्था को लागू करने के साथ संबंधित पार्टियों को उनके डीओ के आधार पर कोयला आवंटित किया जाता है। कोयले की कमी की वजह से कुसमुंडा खदान में 25 दिन से रोड सेल बंद है। यहां से रोज करीब 250 ट्रेलर कोयला रवाना होती थी। वहीं गेवरा और दीपका क्षेत्र से 250.250 व मानिकपुर खदान से 50 ट्रेलर रवाना हो रहे। सामान्य दिनों की अपेक्षा इन खदानों से 50 फीसद से भी कम कोयला आपूर्ति की जा रही। डीओ होल्डरों का कहना है कि उन्हें लंबे समय से कम कोयला दिया जा रहा। जो कोयला दिया जा रहा है उसकी भी गुणवत्ता बेहद खराब है। खदानों में रोड सेल को देने के लिए पर्याप्त स्टाक नही है। इसलिए किसी भी तरह खानापूर्ति करने के साथ काम चलाया जा रहा है। संबंधित पार्टी के पास कोयला भेजे जाने पर परीक्षण के बाद कोयला रिजेक्ट कर भुगतान में कटौती की जा रही। रोड सेल से कोयला नहीं मिलने का असर छत्तीसगढ़ के 250 लघु उद्योगों के अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र के उद्योगों पर पड़ रहा है।

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