मौसम की बेरूखी से किसान परेशान, फसलों में बढ़ रहे कीट प्रकोप

कोरबा 9 सितंबर। औद्योगिक जिले कोरबा में वर्षा की विदाई नजदीक है। इस बीच जिले की औसत वर्षा 1303.31 के विरूद्ध मौजूदा स्थिति में 1200.70 एमएम बारिश हो सकी है। औसत से यह 102.17 कम है। मौसम की बेरूखी से परेशान किसानों के लिए कीट प्रकोप भी बड़ी चुनौती है। कोरबा, करतला में कम बारिश हुई है। कहीं कम तो कहीं अधिक बारिश के कारण रोपा व बियासी का काम समय पर नहीं हो पाया है। इसका असर फसलों में अब कीट प्रकोप के रूप में देखा जा रहा है। समय के अनुसार खेतों में धान पौधों को नहीं रोपने से खेतों में खरपतवार का असर देखा जा रहा है।

जिले में बीते साल की तुलना में अब तक 12.6 मिलीमीटर कम वर्षा हुई है। सामान्य और आवश्यक बारिश के लिहाज से यह कम है। पहले चरण की खेती के बाद फसल तेजी से विकसित हो रहे हैं। मानसून का समय बीतते जा रहा है, यानी आगामी दिनों में आवश्यक वर्षा की संभावना बहुत कम है। अलग-अलग जगहों में काम या ज्यादा वर्षा का असर खेतों के फसल में बीमारी और खरपतवार के रूप में देखा जा रहा है। खरपतवार को समय पर नहीं निकाला गया तो उपज पर प्रभाव पड़ेगा। अब तक तहसील वार हुई वर्षा का आकलन करें तो सबसे अधिक 1640.0 मिलीमीटर वर्षा दर्री में हुई है। इसके विपरीत सबसे कम 823.50 मिली मीटर करतला में हुई है। अक्सर पानी की समस्या खेतों में तब होती है जब फसल पकने के कगार पर आते हैं। आवश्यकता के समय के वर्षा जल को संरक्षित नहीं किए जान से किसानों के किए गए मेहनत पर पानी फिर जाता है। उपर से फसल रोगों की मार के कारण उत्पादन प्रभावित होता है। बहरहाल सामान्य से कम वर्षा होने का असर केवल खेत ही नहीं बल्कि जलाशयों के भराव पर पड़ा है।

बांगो बांध अभी तक भर गया होता लेकिन दीगर जिले में सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने के कारण अभी पूर्ण भराव से डेढ़ मीटर दूर है। यही हाल मानयर जलाशयों का है। जिले में 40 जलाशय हैं जिनमें 16 जलाशय पूरी तरह से नहीं भरे हैं। जिले के खेतों में पर्याप्त पानी है। इस वजह से पानी की मांग छोटे जलायशयों से नहीं हो रही।

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