अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों के जल्द शुरु होने वाले हैं बुरे दिन

☸️ नरेन्द्र मेहता

नईदिल्ली 21 अगस्त: अफगानिस्तान में तालिबानी लड़ाके बंदूक के बूते कितनी ही दबंगई दिखा ले, लेकिन जल्द ही वे आर्थिक मोर्चे पर पस्त होने वाले हैं। देश के पास फूटी कौड़ी तक नहीं जिससे देश संचालित किया जा सके। देश में नकदी के तौर पर कोई विदेशी मुद्रा उपलब्ध नहीं है। जल्द ही महंगाई, करेंसी अवमूल्यन जैसी समस्याओं से तालिबानी लड़ाकों को जूझना पड़ेगा।

अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के गवर्नर अजमल अहमदी ने ट्वीट कर कहा कि देश की करीब 9 अरब डॉलर की राशि में से 7 अरब डॉलर अमरीकी फेडरल रिजर्व के बॉन्ड, संपत्तियों और सोने में जमा है जिसे फ्रीज किया जा चुका है। उन्होंने साफ किया कि अफगानिस्तान के पास अमरीकी मुद्रा का भंडार शून्य है। तालिबान को देश पर कब्जे के बीच नकदी का भंडार नहीं मिल पाया है। ऐसे में उनके लिए देश को चलाना आसान नहीं होगा। वहीं, दूसरी तरफ तालिबान ने इम्पोर्ट एक्सपोर्ट भी बैन कर दिया है।

अहमदी के मुताबिक नकदी की अगली खेप नहीं आ पाई। अमरीकी डॉलर की कमी से अफगानिस्तान की मुद्रा का मूल्य गिरेगा और महंगाई बढ़ेगी। अमरीकी सरकार ने तालिबान पर प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में विदेशों में जमा भंडार को लाना मुश्किल होगा। तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से ही देश की मुद्रा में गिरावट दर्ज की जा रही है। देश की करेंसी अफगान अफगानी की कीमत पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले 2 फीसदी से ज्यादा गिरकर 86.15 के भाव पर आ गई थी।

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