मनोरम पर्याटन स्थल केंदई का एक गांव कंटेनमेंट जोन

कोरबा 19 जुलाई। पोड़ी-उपरोड़ा अंतर्गत मनोरम पर्यटन स्थल केंदई के एक आश्रित गांव को प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। इस गांव में एक ही घर से पिता-पुत्र समेत दो नए संक्रमित मरीज सामने आए थे। बताया जा रहा कि इनके अलावा गांव के कुछ अन्य लोगों में भी संक्रमण के लक्षण मिले थे पर रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि नहीं हुई। एहतियात बरतते हुए अनुविभागीय दंडाधिकारी ने संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण की दिशा में पहल करते हुए यहां 300 मीटर के दायरे में किसी के भी बाहर निकलने या आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया है।

पिछले ढाई माह से कोरोना संक्रमण की विपरीत परिस्थितियों में नियंत्रण देखा जा रहा, जिसे लेकर दशा सामान्य दिखाई देने पर जिला प्रशासन ने छूट का दायरा भी बढ़ा दिया। इस बीच लगातार संक्रमितों की संख्या व एक्टिव केस कम होते रहे। इस राहत के बीच सुदूर एवं घने वन्य क्षेत्र वाले जिले के सबसे बड़े विकासखंड पोड़ी-उपरोड़ा में एक गांव कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। यह गांव केंदई पंचायत का आश्रित ग्राम खड़उपारा है, जहां करीब 300 मीटर का दायरा पूरी तरह से लाक कर दिया गया है। कोरोना वायरस की तीसरी लहर की संभावनाओं के बीच लंबे समय बाद जिले में किसी गांव को प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन घोषित किया है। पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड के वनांचल ग्राम पंचायत खड़उपारा में दो ग्रामीण कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। खतरे को भांपते हुए एसडीएम संजय मरकाम ने इस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर पाबंदियां लागू कर दी हैं। एसडीएम संजय मरकाम ने आदेश जारी कर कंटेनमेंट जोन की सीमाएं चारों दिशाओं में तय कर दी हैं। स्थिति सामान्य होने के बाद प्रशासन ने जिस तरह से छूट का दायरा बढ़ाया, उसी के अनुपात में लोग बेपरवाह होते चले गए। कोरोना प्रोटोकाल की अनदेखी के साथ ही शारीरिक दूरी के नियमों का पालन लोग भूलते जा रहे। इस बीच इस गांव के कंटेनमेंट जोन बनने से संभवतः लोगों में कुछ गंभीरता की उम्मीद है।

संक्रमित इलाके के 30 मीटर की परिधि को बफर जोन मानकर यहां आठ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो जरूरतों को पूरा करेंगे। खाद्य सामग्रियों की होम डिलीवरी से लेकर मेडिकल इमरजेंसी होने तक की जवाबदेही तय की गई है। बेवजह बाहर घूमते हुए पाए जाने वाले लोगों पर सख्ती बरतने के लिए थाना प्रभारी बांगो को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद परिस्थितियां सामान्य हो रही थीं। इसके बाद यह पहला मौका है, जब 16 जुलाई को आदेश जारी कर जिले के किसी भी इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। हालांकि जिसे कंटेनमेंट जोन बनाया गया है।

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