राशन घोटालाः एक रूपये का चावल दस रूपये में बेचकर की काली कमाई


कोरबा 15 अप्रैल। नगरीय क्षेत्र कोरबा के राताखार और खरमोरा में शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालित करने वाली जय अम्बे महिला प्रा.सह.उ.भण्डार की अनियमितताएं परत-दर परत खुलती जा रही हैं। नया मामला गरीब लाभार्थियों के चावल क ो ए.पी.एल.वर्ग में वितरित कर अतिरिक्त लाभ अर्जित करने का सामने आया है।

इस संबंध में मिली जानकारी चौंकाने वाली है। खरमोरा दुकान संचालक द्वारा अक्टूबर-2020 के लिए दिये गये घोषणा पत्र में उक्त गंभीर अनियमितता का खुलासा हुआ है। घोषणा पत्र के अनुसार दुकान में ए.पी.एल.वर्ग के लिए चावल का स्टाक 05 किलो था। लेकिन दुकानदार ने 23.35 क्विंटल चावल दस रूपये किलो की दर से सामान्य यानि ए.पी.एल.वर्ग को बेच दिया। इसी तरह इससे पहले सितंबर-2020 में 06.45 क्विंटल उपलब्ध स्टाक के विरूद्ध 23.00 क्ंिवटल चावल दस रूपये की दर से सामान्य वर्ग के उपभोक्ताओं को बेचा गया। केवल इन दो माह की बात करें तो दुकान संचालक ने एक रूपये किलो की दर से गरीबों को वितरित करने के लिए प्राप्त कुल 46.35 क्विंटल चावल को दस रूपये की दर से बेचकर 46 हजार 350 रूपये की काली कमाई की और शासन को आर्थिक क्षति पहुंचायी।

दुकान संचालक के घोषणा पत्र में उक्त अनियमितता स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रही है। लेकिन खाद्य विभाग ने इस पर अभी तक संज्ञान नहीं लिया है। इससे स्पष्ट होता है कि विभागीय अधिकारी या तो राशन दुकानदारों से सांठ-गांठ कर हेरा-फेरी को बढ़ावा दे रहे हैं अथवा कर्तव्य पालन में कोताही बरत रहे हैं। संबंधित अधिकारी राशन दुकानदारों के घोषणा पत्रों का अवलोकन भी नहीं करते हों, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिये।

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