खाद्य विभाग के रहमों करम पर चल रही सोसायटियां ,गड़बड़ी किए जाने का आरोप फिर भी मिला है अभयदान

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कोरबा (news action) । खाद्य विभाग के रहमों करम पर सोसायटियां संचालित हो रही है। शहर के कई सोसायटी संचालकों पर विभाग की शह में ऑन लाईन गड़बड़ी किए जाने का आरोप भी लग चुका है। इसकी शिकायत प्रदेश व जिले के मुखिया से की जा चुकी है। लेकिन खाद्य विभाग है कि कार्रवाई को लेकर जेहमत नहीं उठा रहा है। शिकायतों के बाद भी गड़बड़ी करने वाले सोसायटी संचालकों को अभयदान दे दिया गया है। ऐसा नहीं कि केवल शहरी क्षेत्र के उचित मूल्य की दुकानों में यह गड़बड़ी की जा रही है। बल्की ग्रामीण अंचलों की सोसायटियों में भी भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र के राशन दुकानों में खाद्य विभाग कोई कठोर कार्रवाई नहीं कर रहा है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के सोसायटी संचालकों पर कार्रवाई के बारे में सोचना भी बेमानी है।
सांठ-गांठ से हो रही गड़बड़ी
गड़बड़ी केवल सोसायटी संचालकों के बूते नहीं है। ऑन लाइन गड़बड़ी में विभागीय संरक्षण के अलावा छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड के कोरबा में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारियों की संलिप्ता बनी हुई है। सांठगांठ के कारण व्यापक पैमाने में गड़बड़ी की जा रही है। खास बात यह है कि तमाम तरह की शिकायतों के बाद भी सितंबर माह का भंडारण छत्तीसगढ़ सिविल सप्लाई कोरबा के द्वारा भंडारण कराया जा रहा है। जबकि ऐसे संस्थानों की जांच कर उनका भंडारण रोक देना था।
करोड़ों की होगी रिकवरी
सोसायटी संचालक ऑन लाईन गड़बड़ी कर शासन को करोड़ों का चूना लगा रहे है। जितना स्टॅाक सोसायटी में नहीं होता उतना स्टॉक ऑनलाईन दिखा दिया हाता है। इसमें कम्प्यूटर ऑपरेटरों की खास भूमिका है। स्टॉक में ऑनलाईन गड़बड़ी कर वास्तविक स्टॉक को छिपा लिया जाता है। अगर इस सोसायटियों का भौतिक सत्यापन कराया जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। सूत्र तो यह भी बताते है कि अगर विभागीय रिक्वरी शुरू की गई तो शासन को करोड़ों की रिक्वरी भी मिलेगी।

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