जंगलों में लगी आग, वन विभाग दिखा रहा गंभीरता

कोरबा 13 मार्च। जंगलों को हरा-भरा रखने, पेड़ लगाने व बचाने के लिए वृक्षारोपण के नाम पर शासन द्वारा करोड़ों रूपये पानी की तरह बहाया जा रहा है, बावजूद इसके हर साल जंगलों में लगने वाले आग से आक्सीजोन की तबाही पर अंकुश नही लग पा रहा है। वन विभाग के अधिकारी मानते है कि जंगल मे किसी भी स्थिति में आग नही लगना चाहिए, लेकिन ये भी कहा जाता है गर्मी के मौसम में आग लगना आम बात हैए कोरबा वन मंडल के जंगल और पहाड़ियों में मौसम के अनुसार आग लग चुकी है, कई दिनो से जंगल धधक रहा है। पहाड़ी इलाका आग की लपटों से घिरा हुआ है, मगर वनोपज को बचाने विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाए जा रहा है।

कोरबा वनमंडलाधिकारी प्रियंका पांडेय जंगल की सुरक्षा को लेकर काफ ी गंभीर है। उन्होंने तमाम रेंज के अफसरो को गर्मी के मौसम में जंगल मे होने वाली आगजनी रोकने के निर्देश जारी कर दिए है। अब बालको रेंज का इलाका धधक रहा है। चुइया का मैदानी जंगल हो या फिर अजगरबहार के समीप की पहाड़ियां आग की लपटों से घिर गई है, इसमें उनकी क्या गलती है, विभाग तो प्रयास कर ही रहा है, पिछले एक सप्ताफ से जंगल धू धूकर जल रहा है। वन और वनस्पति को खाक हो रहे है, इन्हें बचाये कैसे, इस पर मंथन जारी है। धधकते जंगल को शांत करने का प्रयास भी जारी है, लेकिन फिलहाल आग से वन संपदा को बचा पाने में वन विभाग लाचार नजर आता है।

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