डिप्टी रेंजर को प्रभारी बनाने की परंपरा गलत

कोरबा 11 मार्च। वन विभाग में नियम विरूद्ध रेंजर की कमी बताकर प्रभारी रेंजर के रूप में डिप्टी रेंजर को पदस्थ किया जा रहा है। इसके विरोध में रेंजर एसोसिएशन द्वारा लगातार विभाग से पत्र व्यवहार किया गया लेकिन इसके बावजूद यह कुप्रथा नहीं रूकी तो हाईकोर्ट बिलासपुर में याचिका दाखिल की गई। 2 मार्च को याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से जवाब मांगा है। छत्तीसगढ़ फारेस्ट रेंजर एसोसिएशन के बिलासपुर संभागीय अध्यक्ष निश्चल शुक्ला ने यह जानकारी देते हुए डिप्टी रेंजर को प्रभारी रेंजर के रूप में पदस्थापना को गलत बताया। उन्होंने कहा कि फारेस्ट मेनुअल में प्रभारी रेंजर नामक कोई शब्द नहीं है, यह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सृजित पद है। इससे जूनियर व सीनियर डिप्टी रेंजर में आपसी टकराव हो रहा है तथा कार्य भी प्रभावित हो रहा है। कई रेंजों में जूनियर डिप्टी रेंजर को प्रभारी रेंजर के रूप में पदस्थ किये जाने से वहां पूर्व में पदस्थ वरिष्ठ डिप्टी रेंजर को जूनियर के अंडर में कार्य करना पड़ रहा है जो गलत है। इससे कार्य की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ तथा वन रेंजर एसोसिएशन इस प्रकार की पदस्थापना का विरोध करते हैं।

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