पेयजल की समस्या से निपटने बंद नल जल योजनाओं और खराब हैण्डपंपों का सर्वे एक सप्ताह में

  • दुर्घटनाओं में हानि पर आरवीसी 6-4 के मुआवजा प्रकरण तत्काल मंगाये गये
  • कलेक्टर श्रीमती कौशल ने समय सीमा की बैठक में शासकीय कामकाज की समीक्षा की, दिये जरूरी निर्देश

कोरबा 03 मार्च 2021. आने वाले कुछ दिनों में गर्मी बढ़ने के बाद ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में पीने के पानी की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने अभी से प्रयास शुरू कर दिया है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ऐसे इलाकों की पहचान कर तत्काल बंद या खराब नल जल योजनाओं के सर्वे और खराब हैण्डपंपों का चिन्हांकन करने के निर्देश पीएचई विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। श्रीमती कौशल ने यह पूरा सर्वे अगले एक सप्ताह में पूरा कर ठीक हो सकने वाली नल जल योजनाओं की मरम्मत का काम शुरू करने को कहा है। इसके साथ ही श्रीमती कौशल ने खराब हैण्डपंपों को सुधारने और ग्रामीणों की मांग पर नए हैण्डपंपों की स्थापना का काम भी आवश्यकतानुसार प्राथमिकता से करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने सरपंचों तथा सचिवों की मौजूदगी में ग्राम पंचायत स्तर पर बैठक कर पीने के पानी की समस्या के बारे में पूरी जानकारी लेकर समाधान के लिए तत्काल यथोचित काम शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। श्रीमती कौशल ने पीने के पानी की समस्या के लिए जिला तथा अनुभाग स्तर पर एक-एक कंट्रोल रूम भी स्थापित करने को कहा ताकि लोग गर्मी में पीने के पानी की समस्या संबंधी सूचना प्रशासन तक पहुंचा सकें। कलेक्टर ने सभी नगरीय निकायों को भी इसके लिए जरूरी तैयारियां अपने स्तर पर ही समय रहते करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने आज समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में विभिन्न शासकीय विभागों के कामकाज की समीक्षा की और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार, नगर निगम आयुक्त श्री एस. जयवर्धन, अपर कलेक्टर श्रीमती प्रियंका महोबिया सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी प्रत्यक्षतः मौजूद रहे। चारों अनुविभागों के एसडीएम और पांचो विकासखण्डों के विभागीय अधिकारी-कर्मचारी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस बैठक में शामिल हुए।

आरबीसी 6-4 के प्रकरण भेजने में ना करें देरी

बैठक मे कलेक्टर श्रीमती कौशल ने तहसील कार्यालयों द्वारा आरबीसी 6-4 के मुआवजा संबंधी प्रकरणों को स्वीकृति के लिए देरी से कलेक्टर कार्यालय भेजने पर नाराजगी जताई और सभी अधीनस्थ कार्यालयों को ऐसे प्रकरण जल्द से जल्द भेजने के सख्त निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना के कारण लोगों को होने वाले जान-माल के नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति या मुआवजा समय पर मिल जाना चाहिए। प्रभावित लोगों को समय पर क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए प्रकरणों का यथा समय कलेक्टर कार्यालय तक पहुंचना जरूरी है। श्रीमती कौशल ने भविष्य में घटना के 15 दिनों के भीतर मुआवजा संबंधी प्रकरण पूरी तरह तैयार कर कलेक्टोरेट भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने लंबित प्रकरणों को भी सभी दस्तावेज तैयार कर अगले एक सप्ताह में कलेक्टोरेट भेजने को कहा।

उच्चाहन क्षेत्रों में धान के बदले दूसरी लाभकारी फसल लेने एक सप्ताह में गांववार किसानवार बने कार्ययोजना

समय सीमा की बैठक में कलेक्टर ने जिले की उच्चाहन कृषि भूमियों में धान के बदले दलहन-तिलहन जैसी दूसरी लाभकारी फसले लेने के लिए भी विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश कृषि से उससे संबंधित विभागो के अधिकारियों को दिए। श्रीमती कौशल ने उच्चाहन भूमि में धान की खेती से होने वाली आमदनी और अन्य फसलों से होने वाले लाभ की तुलना के लिए पास-पास ही प्रदर्शन भी आयोजित करने के निर्देश दिए ताकि किसानों को उच्चाहन भूमि में धान के बदले अन्य फसलों की खेती के लिए सीधे-सीधे प्रोत्साहित किया जा सके। कलेक्टर ने धान के बदले उच्चाहन खेतों में दलहन-तिलहन आदि की खेती के लिए गांववार-किसानवार कार्ययोजना अगले एक सप्ताह में बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश कृषि विभाग के उप संचालक को दिए। उन्होंने उच्चाहन क्षेत्रों में मक्का, अरहर, उड़द, मूंग, तिल, सोयाबिन आदि फसलों की खेती को प्रोत्साहित करन के लिए भी कृषि विभाग के मैदानी अमले को निर्देशित किया। श्रीमती कौशल ने धान की बोनी शुरू होने से पहले ही उच्चाहन क्षेत्रों में अन्य फसलों की खेती के लिए तैयारी करने किसानों का चयन कर उन्हें सभी जरूरी सहायता और मागदर्शन भी देने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

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