छत्तीसगढ़: मंत्री पुत्र के नाम कर दी कोरबा परिवार की जमीन, मंत्री को बर्खास्त करने की मांग

रायपुर 16 फरवरी। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। साय ने जशपुर प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत और उनके बेटे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विष्णुदेव साय ने आरोप लगाया है कि 5 कोरवा परिवारों के खाते की लगभग 25 एकड़ पूरी ज़मीन छल-कपट करके प्रदेश के मंत्री अमरजीत भगत ने न्यायाधीश पुत्र के नाम कर हथिया लिया है। इस आरोप के साथ ही साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार को किसान-आदिवासी विरोधी बताते हुए मंत्री भगत को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्ख़ास्त कर पूरे मामले की जाँच करा दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है।

साय ने यह गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस प्रदेश सरकार को भी एक पल सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है, जिसमें कमीशनखोरी करने वाले, सत्ता के घमंड में चूर अपने अड़ियल रवैए से जनस्वास्थ्य से घिनौना खिलवाड़ करने वाले, किसानों की आत्महत्या के कलंक में आकंठ सराबोर होकर शर्मनाक सियायत करने वाले लोग हो। भोले-भाले आदिवासियों के साथ छल-कपट करने में ज़रा भी नहीं हिचकते मंत्रियों ने प्रदेश को क़दम-क़दम पर शर्मिंदा ही किया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि जबसे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, प्रदेश के तमाम माफिया अपने-अपने बिलों से बाहर आकर लोगों का जीना हराम किए बैठे हैं। अभी हुए इस ताज़े ख़ुलासे के बाद कोरवा परिवारों को अब यह आशंका सता रही है कि यदि इस पर रोक नहीं लगी और कार्रवाई नहीं हुई तो ज़मीन माफिया कोरवा-परिवारों की पूरी ज़मीन ही कब्ज़ा लेंग। साय ने कहा कि राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कोरवा जनजाति के परिवारों की जमीन एक मंत्री पुत्र के नाम कर दिए जाने का यह मामला प्रदेश सरकार के कलंकपूर्ण राजनीतिक चरित्र का परिचायक है। साय ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आदिवासियों और किसानों के हितों के संरक्षण के प्रदेश सरकार के तमाम दावे कोरी सियासी लफ़्फ़ाजी साबित हो रहे हैं और कांग्रेस सरकार के मंत्री सत्ता का दुरुपयोग कर अब विशेष संरक्षित कोरवा जनजाति की आजीविका के साधन पर डकैती डालने पर आमादा नज़र आ रहे हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि अभी लगभग तीन सप्ताह पहले ही आशीष भगत वल्द अमरजीत भगत ने ग्राम गुतुकिया के एक कोरवा परिवार की शामिलात खाते की कुल 25.88 एकड़ भूमि को 11.25 लाख रुपए बाजार मूल्य पर रजिस्ट्री करा ली थी, जिसका ख़ुलासा तब हुआ जब पीड़ित परिवारों ने जशपुर कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन देकर भूमि वापस दिलाने की मांग की और क्रेता समेत अन्य संबंधित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की। साय ने कहा कि प्रदेश सरकार तो यूँ ही छलावों, वादाख़िलाफ़ी और किसान-अदिवासी विरोधी चरित्र के लिए जानी जा रही है, अब उसके मंत्री बेख़ौफ़ सतच्ता के बल पर आदिवासी, वह भी विशेष संरक्षित कोरवा जनजाति के परिवारों के साथ ऐसे घिनौने कृत्य करने में लगे हैं, यह प्रदेश सरकार के चेहरे पर कालिख से कम नहीं है। साय ने इस पूरे मामले पर संजीदगी से कार्रवाई कर कोरवा परिवारों को उनकी ज़मीन वापस दिलाकर उनके साथ इंसाफ़ करने की पुरज़ोर मांग की है।

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