पावर सिटी में सटोरिए दिखा रहे पावर
कोरबा। औद्योगिक नगरी कोरबा में अपराध का ग्राफ हमेशा से ऊंचा रहता है। जिले में अपराध नियंत्रण पुलिस के लिए हमेशा चुनौती भरा रहता है। जिले में खदान और औद्योगिक संयंत्रों की भरमार के कारण कोयला, डीजल और कबाड़ की चोरी यहां धड़ल्ले से होती है। इसके अलावा जिले में दीगर प्रांत से आए लोग काफी संख्या मेंं निवासरत हैं। जिसका फायदा उठाकर आपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी शहर में आ धमकते हैं और लूट, चोरी, डकैती जैसे संगीन वारदातों को अंजाम देकर भाग निकलते हैं। इसके अलावा हत्या सहित अन्य आपराधिक मामले भी यहां घटित होते रहते हैं। इन अपराधों के बाद अगर नगर में सट्टे का कारोबार शुरू हो जाए तो पुलिस के लिए इस पर नियंत्रण भी चुनौती रहती है। मौजूदा समय में एक बार फिर जिले में सटोरियों की सक्रियता बढ़ गई है। सट्टा का अवैध कारोबार एक बार फिर गुलजार हो चुका है। सूत्र बताते हैं कि रायगढ़ का एक व्यापारी इस अवैध धंधे का सूत्रधार बना हुआ है। जिसने जिले में अपना नेटवर्क बखूबी फैला रखा है। सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि खाकी के साथ सांठगांठ के कारण इस धंधे पर रोक लगने की बजाए मौन स्वीकृति मिली हुई है। वैसे पुलिस जिले में जुआरियों पर तो ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है, परंतु सटोरियों पर कार्रवाई देखने को नहीं मिल रही है। यही वजह है कि सट्टे के मामले में सांठगांठ के आरोपों के पुख्ता होने की संभावना लोग जाहिर कर रहे हैं।
जिले में संचालित बड़े-बड़े होटलों में अवैध ध्ंाधे संचालित हो रहे हैं। अधिकांश होटल संचालक अवैध तरीके से कमाई करने के चक्कर में इन धंधों को चला रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी ऐसे होटलों की जांच पुलिस की ओर से देखने को नहीं मिल रही है। ज्ञात रहे कि तीन दिन पूर्व कोतवाली पुलिस ने होटल फोर सीजन में दबिश देकर लाखों का जुआ पकड़ा था। जुआरियों में सभ्रांत घरों के लोग शामिल थे। यह एक ऐसा ही उदाहरण है। अगर होटलों की जांच की जाए तो निश्चित ही और भी अवैध धंधे परत दर परत खुलेंगे। कुछ होटलों में तो शराब तक परोसी जाती है।