तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के बच्चों की छात्रवृत्ति पर बंद होने का मंडराया खतरा

न्यूज एक्शन। नई सरकार आने के साथ ही नीतियों में भी परिवर्तन होने लगा है। पूर्व की सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं में कटौती की जाने लगी है। इसकी शुरूआत तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों से होने जा रही है। बताया जाता है कि राज्य शासन द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के सदस्यों के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति बंद करने की तैयारी कर ली गई है। इसकी अनौपचारिक घोषणा बस महज शेष रह गया है। छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ के महासंघ के माध्यम से तेंदूपत्ता संग्राहित परिवार के सदस्यों के बच्चों को हाईस्कूल से लेकर उच्च शिक्षा के लिए अलग अलग छात्रवृत्ति प्रदान की जाती रही है। सूत्रों का कहना है कि अब इसमें परिवर्तन करने के साथ ही यह हवाला दिया जा रहा है कि शासन द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है तो दोहरी छात्रवृत्ति क्यों प्रदान की जाए। इससे शासन का ही नुकसान हो रहा है। इसके साथ ही चरण पादुका संग्राहक परिवारों को हर वर्ष तेंदूपत्ता संग्रहण के पूर्व प्रदान किया जाता था। जिसे भी बंद किया जा रहा है। इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि पूर्व में संग्राहकों को मानक बोरा संग्रहण 2500 रुपए प्रदान किया जाता था। अब यह राशि बढ़ा कर 4 हजार रुपए की जा रही है। इससे संग्र्राहक परिवार अपने लिए खुद चरण पादुका खरीद सकता है। कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं में आने वाले समय में और कटौती हो जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।
तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के बच्चों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के माध्यम से शिक्षा सहयोग और शिक्षा प्रोत्साहन योजना का संचालन कर रहा है। शिक्षा सहयोग योजना के तहत कक्षा नवमीं से बारहवीं अथवा आईटीआई में पढऩे वाले बच्चों को 600 रुपए प्रति छात्र-छात्रा के मान से प्रत्येक छह महीने में छात्रवृत्ति के रूप में दिए जाते हैं। जिले में तेंदूपत्ता का संग्रहण बड़े पैमाने पर किया जाता है। यहां वनाचंल में रहने वाले सैकड़ों वनवासियों के अतिरिक्त आय का जरिया बना है। तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के प्रतिभाशाली बच्चों के लिए शिक्षा प्रतिभाशाली योजना वर्ष 2013-14 से लागू की गई है। इस योजना के तहत तेंदूपत्ता संग्राहकों के समस्त प्रतिभाशाली बच्चों जो कि कक्षा 10वीं तथा 12वीं की परीक्षा में 75 फीसदी या उससे अधिक अंक प्राप्त करने पर उनको कक्षा 10वीं में 15 हजार रुपए तथा कक्षा 12वीं में 25 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जा रहा है। मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कार के तहत प्रत्येक प्राथमिक वनोपज समिति क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष कक्षा 8वीं में सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 2 हजार, कक्षा 10वीं में सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 2 हजार 500 तथा कक्षा 12वीं में सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 3 हजार रुपए पुरस्कार राशि दी जाती है। यह पुरस्कार छात्र तथा छात्रा वर्ग के लिए पृथक-पृथक दिए जाते हैं। सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना भीप्रदेश के वन विभाग की ओर से तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना संचालित की जा रही है। ऐसी तमाम तरह की योजनाओं पर राज्य सरकार विचार कर रही है। माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार हिलहवाला देकर तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिल रही इन सुविधाओं को बंद कर सकती है।

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