सावधान: फेसबुक से सायबर जालसाज लगा सकते हैं आपको चपत

कोरबा 10 जनवरी। फेसबुक मैसेंजर के माध्‍यम से पैसे की मांग करने वाले साइबर जालसाज इसी बहाने आपको बड़ी चपत लगा शक्ति हैं। कोविड 19 महामारी शुरू होने के बाद ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं।यदि आपके फेसबुक मैंसेंजर पर किसी फेसबुक फ्रेंड, परिचित या रिश्तेदार ने अपने को किसी मुसीबत में बताकर आपसे धनराशि की मांग कर रहा है तो आप बिना सोचे-समझे और जानकारी लिए मैसेज के आधार पर किसी के बैंक खाते में रुपए जमा नहीं करवाएं।

साइबर जालसाज इन दिनों फेसबुक मैसेंजर को हैक कर ऐसे मैसेज भेज रहे है और उसके मित्रों से राशि ठग रहे हैं। इसके शिकार आम आदमी ही नहीं, बल्कि पुलिस अधिकारी भी हो चुके हैं। थोड़ी सी सावधानी से बहुत लोग ठगी के शिकार से बच सकते हैं पिछले कूछ दिनो से रुपये की मांग की जा रही है।मुसीबत में घिरे होने की बात कह सेंड करते हैं ई-वॉलेट नंबर लोग फेसबुक के साथ मैसेंजर भी चलाते हैं। जालसाज एक मैसेज भेजकर मैसेंजर को हैक कर लेते हैं। हैक करने के बाद उससे हैकर मैसेज भेजते हैं, जिसमें खुद को किसी मुसीबत में घिरा बताते हैं। और राशि किसी बैंक खाते में डालने की बात कहते हैं। लोगों को डीपी और नाम देखकर ऐसा लगता है सच मे उनका दोस्त किसी मुसीबत में है और कई लोग बिना जांच पड़ताल ना कर कर जालसाज के खाते में रुपए जमा कर देते है। हैकर खाते से राशि निकलवाकर आसानी से ठगी कर लेता है।


लापरवाही से होता है एफबी अकांउट हैक

फेसबुक अकांउट पर सुरक्षा की दृष्टि से विशेष पासवर्ड लगा होता है, लेकिन सोशल मीडिया चैटिंग एप्पस के उपयोग के समय यूजर लापरवाही बरतने तथ सावधानी पूर्वक नहीं चलाने के कारण हैकर का शिकार हो जाता है। इसके बाद हैकर हमारी आईडी से किसी को भी संदेश भेज सकते हैं। अधिकतर हैकर हमारी आइडी का उपयोग कर लोगों के साथ ठगी करने के लिए करते हैं। इसके अलावा हमारे एकाउंट का नाम बदल कर आइडी से अन्य तरह की छेडड़ाड़ कर सकते हैं।

किसी भी लिंक पर नहीं करें क्लिक
साइबर जानकारों का कहना है कि फेसबुक एकांउट को हैक करने वाले हैकर लोगों के प्रोफेशन को ध्यान में रखते हुए एक लिंक के उपर एक संदेश लिखते हैं, जिस पर क्लिक करने के बाद मांगी गई कुछ जानकारी मिलते ही एकाउंट हैक हो जाता है। ऐसे में किसी भी लिंक को खोलने के बाद मांगी गई जानकारी भरने से पहले अच्छी तरह जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए। यह साइट विश्वास करने लायक है या नहीं। आवश्कता नहीं हो तो ऐसी किसी भी साइट में जानकारी भरने से परहेज करना चाहिए। सोशल मीडिया के अकाउंट का आसान पासवर्ड नहीं लगाना चाहिए।

पासवर्ड बनाते समय ये नहीं करें

फेसबुक पर अपना मोबाइल नंबर व अन्य जानकारी सार्वजनिक न करें। अपना नाम, नाम की उल्टी स्पेलिंग, बच्चों के नाम, मोबाइल नंबर, सरल संख्या को पासवर्ड नहीं बनाएं। रुपए मांगने के लिए कोई भी फेसबुक, वॉट्सएप या अन्य सोशल मीडिया पर मैसेज भेजे तो भावावेश में आकर तुरंत रुपए ट्रांसफर न करें। इस तरह की ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए सतर्कता बहुत जरूरी है। सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट में प्राइवेसी रखें ताकि फ्रैंड लिस्ट से बाहर का व्यक्ति आपका मोबाइल नंबर या फोटो न देख सके। कस्टमर केयर नंबर की जरूरत हो तो बैंक या शॉपिंग की अधिकृत यानि ऑफिशियल वेबसाइट से ही लें, गूगल में सर्च कर मिले नंबर पर संपर्क न करें क्योंकि ठगों ने वहां कई फर्जी नंबर दे रखे हैं।

आइडी में मोबाइल नंबर और जन्म तिथि नहीं डालें

साईबर सेल के विशेषज्ञ के मुताबिक ये लोग बाहरी राज्यों में रहते हैं। लोकेशन पता करना बेहद मुश्किल होता है। सॉफ्वेयर से ये मोबाइल नंबर या जन्म दिनांक डालकर अकाउंट हैक कर लेते हैं और फेसबुक से जुड़े लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर मैसेज कर रुपए मांगते हैं। जहां तक हो फेसबुक आईडी में मोबाइल नंबर व जन्म दिनांक नहीं डालें।
सायबर सेल कोरबा द्वारा जनहित में जारी

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