लापरवाही : केबल डालने के लिए खोदे गए गड्ढे बने जान के दुश्मन.. निगम अधिकारी जनता को टोपी पहनाने में व्यस्त

बदल गई सरकार, पर नहीं बदली निगम अधिकारियों की भर्राशाही, जनता अपनी सुरक्षा की खुद जिम्मेदार

कोरबा 02 मार्च। नगर निगम कोरबा क्षेत्र अंतर्गत निहारिका में एयरटेल कंपनी द्वारा एफएम केबल बिछाने का कार्य किया जा रहा है जिसके लिए जगह-जगह 5 से 6 फीट गहरे गड्ढे खोदे गए हैं। मगर अब यह गड्ढे ही जनता के जान के दुश्मन बन गए हैं और किसी गंभीर दुर्घटना को निमंत्रण दे रहे हैं। कंपनी के ठेकेदारों द्वारा गड्ढा खोदकर लगभग 15 20 दिनों से कम बंद कर दिया गया है और सड़क किनारे खोदे हुए गड्ढों से जनता को अपने जान माल की सुरक्षा के साथ ही विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इसकी शिकायत निगम अधिकारियों से करने पर उनके द्वारा जनता को टोपी पहनाई जा रही है और एक अधिकारी दूसरे और दूसरा अधिकारी तीसरे पर काम का जिम्मा थोप कर जनता को कार्यालय की दौड़ लगवा रहा है।

प्राप्त जानकारी अनुसार एयरटेल कंपनी द्वारा नगर में एफएम केबल बिछाने का कार्य किया जा रहा है जिसके तहत निहारिका के एमपी नगर में विभिन्न जगहों पर 5 से 6 फीट गहरे गड्ढे खोदे गए हैं। कंपनी को केबल बिछाने के लिए नगर निगम कोरबा द्वारा परमिशन तो प्रदान किया गया है परंतु कार्य को निश्चित समय पर, बिना किसी जनहानि के पूर्ण कराने में नगर निगम कोरबा व उसके अधिकारी रुचि नहीं रखते। बता दे की कंपनी के ठेकेदार द्वारा गड्ढे खोदकर पिछले 15-20 दिनों से कार्य बंद कर दिया गया है और गड्ढों को जस के तस छोड़ दिया गया है। लापरवाही का आलम यह है कि गड्ढा सड़क किनारे होने के बावजूद भी ठेकेदार द्वारा सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं और ना ही खतरा संबंधी सूचक या बैरिकेड लगाए गए हैं।

ठेकेदार की गंभीर लापरवाही का परिणाम यह हुआ की रात के समय अंधेरे के कारण एक महिला गड्ढे में गीर पड़ी और घायल हो गई। कॉलोनी के निवासियों ने महिला को गड्ढे से बाहर निकाला और उनका प्राथमिक उपचार कराया। घटना से नाराज कॉलोनी वासियों ने नगर निगम के अधिकारियों को फोन लगाया तो निगम के अधिकारी जनता को ही टोपी पहनाने लगे। निगम के कोसाबाड़ी जोन के कार्यपालन अभियंता ने अपना पल्ला झाड़ते हुए उप अभियंता को कार्रवाई करने के निर्देश देने की बात कही। वहीं उप अभियंता से बात की गई तो उनके द्वारा ठेकेदार को तत्काल गड्ढा भरने का निर्देश देने की बात कही गई। शिकायत के दो-तीन दिन बाद भी जब गड्ढा भरा नहीं गया तो कॉलोनी वासियों द्वारा ठेकेदार का नंबर लेकर उसे उप अभियंता के द्वारा गड्ढा भरने के निर्देश के बारे में कहा गया। इस पर ठेकेदार द्वारा उनसे बदतमीजी करते हुए कह दिया गया कि मुझे किसी अधिकारी का कोई फोन नहीं आया है। ठेकेदार और कॉलोनी वासियों के बीच तीखी बहस हुई और कॉलोनी वासियों ने उक्त गड्ढे में महिला के गिरने की बात भी ठेकेदार को बताई। इस पर ठेकेदार ने पुनः बदतमीजी करते हुए कॉलोनी वासियों से कह दिया कि “जो करना है कर लो, चाहे तो पुलिस में रिपोर्ट लिखा दो हमको जब काम करना होगा हम तभी करेंगे।”

ठेकेदार के इस रवैये से स्तब्ध कॉलोनी वासियों द्वारा पुनः निगम अधिकारियों से संपर्क साधा गया परंतु निगम अधिकारियों द्वारा कॉलोनी वासियों का फोन नहीं उठाया गया। कॉलोनी वासियों का कहना है कि सड़क किनारे खुले गड्ढे से जहां एक तरफ सुरक्षा के दृष्टिकोण से समस्या बनी हुई है तो साथ ही खोदे गए गड्ढे की मिट्टी भी ठेकेदार द्वारा सड़क पर ही डाल दी गई है जिसके कारण आवागमन भी बाधित हो रहा है और सड़क सकरी होने के कारण चार पहिया वाहन के आने जाने में खासी समस्या उत्पन्न हो रही है। इसके अलावा सड़क पर पड़ी हुई मिट्टी के कारण दो पहिया वाहन भी स्लिप हो रहे हैं।

न्यूज एक्शन द्वारा निगम अधिकारियों से इस संबंध में चर्चा करने पर उनके द्वारा शिकायतकर्ता को दिए जवाब को दोहराते हुए कॉलोनी वासियों को पुलिस में रिपोर्ट करने के लिए स्वतंत्र होने की बात दोहराई गई। वही कोसाबाड़ी जोन के उप अभियंता द्वारा फोन नहीं उठाया गया। बहरहाल निगम अधिकारियों के रवैये से यह स्पष्ट है कि नगर निगम कोरबा के अधिकारियों की भूमिका केवल परमिशन देने और कागजों में दस्तखत करने तक ही सीमित है और क्षेत्र की जनता अपनी सुरक्षा के लिए खुद जिम्मेदार है।

निगम की बदहाल व्यवस्था ट्रिपल इंजन सरकार के लिए चुनौती

प्रदेश में भाजपा की सरकार बने एक वर्ष से अधिक का समय व्यतीत हो चुका है। विधानसभा चुनाव के 6 महीने बाद केंद्र में भी नरेंद्र मोदी सरकार की वापसी हुई और अभी वर्तमान में संपन्न हुए नगरीय निकाय चुनाव में नगर निगम कोरबा में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गई। चुनाव अभियान में सुशासन का संकल्प लिए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा ट्रिपल इंजन सरकार बनाने का जनता से निवेदन किया जा रहा था। 15 दिवस पूर्व आए नतीजों में कोरबा निगम में भाजपा का महापौर और 45 पार्षद निर्वाचित हुए और ट्रिपल इंजन सरकार का सपना साकार हुआ जिसका शपथ ग्रहण कल संपन्न होने जा रहा है।

शपथ ग्रहण के पश्चात इस ट्रिपल इंजन सरकार के सामने पहली और सबसे बड़ी चुनौती नगर निगम कोरबा की बदहाल व्यवस्था को दुरुस्त करना तथा नगर निगम के मनमौजी अधिकारियों पर लगाम कसना होगा। इस बात को भाजपा के नेता भी स्वीकार कर रहे हैं की केंद्र, प्रदेश और अब शहर में भाजपा की सरकार होने के कारण उनके पास कार्य करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। इसमें सबसे बड़ा रोड़ा भ्रष्टाचार में कंठ तक डुबे अधिकारी ही बनकर सामने आएंगे और इन अधिकारियों पर लगाम लगाना ही भाजपा की नगर सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। अमूमन यह देखा गया है कि सरकार किसी दल की हो अधिकारी अपनी सेटिंग जमा ही लेते हैं और हालात जस के तस बने रहते हैं। कहीं ऐसा न हों कि भाजपा के नेता भी सेटिंग के फेर में पड़कर 10 सालों की कठिन तपस्या के पश्चात हाथ में आई सत्ता से हाथ धो बैठें।

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