एक करोड़ के इनामी नक्सली कमांडर चलपति की कहानी..

रायपुर। खूंखार नक्सली नेता प्रताप रेड्डी रामचंद्र रेड्डी उर्फ चलपति (62) आखिरकार मारा गया। ओडिशा सीमा के पास छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुरक्षाबलों ने एक बड़े ऑपरेशन में उसे मार गिराया।

36 घंटे से अधिक समय तक चले इस ऑपरेशन में कम से कम 16 नक्सली ढेर कर दिए गए। मारे गए नक्सलियों में चलपति भी शामिल है, जिसके सिर पर पूरे एक करोड़ रुपए का इनाम घोषित था। वह सुरक्षाबलों पर कई खतरनाक हमले कर चुका था। एक विधायक की हत्या के पीछे भी उसका हाथ बताया जाता है।

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले का रहने वाला चलपति एक बेहद खूंखार नक्सली था। वह गुरिल्ला युद्ध में माहिर था और युद्ध की रणनीति बनाने में बेहद कुशल माना जाता था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि 23 सितंबर 2018 को हुए उस हमले का चलपति ही मास्टरमाइंड था जिसमें टीडीपी के विधायक किदारी सर्वेश्वर राव और पूर्व विधायक शिवेरी सोमा की हत्या कर दी गई थी। चलपति की पत्नी अरुणा ने कथित तौर पर नक्सलियों के उस समूह का नेतृत्व किया था जिसने टीडीपी नेताओं की हत्या की थी।

बताया जाता है कि 1970 के दशक में ही नक्सल विचाराधारा से चलपति इस कदर प्रभावित हुआ कि उसने इंटर पास करने से पहले पढ़ाई छोड़ दी और बंदूक उठा ली। वह जल्द ही डिविजनल कमिटी का सदस्य बन गया। वह प्रताप, रवि और जयराम जैसे नामों से भी जाना जाता था। दिसंबर 2000 में वह स्पेशल जोनल कमिटी का सदस्य बना दिया गया था। स्टेट मिलिट्री कमीशन ऑफ आंध्र ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोन कमिटी (AOB-SZC) में लाया गया। गुरिल्ला युद्ध में अपनी कौशल की वजह से उसने तेजी से तरक्की की। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के सीमा वाले इलाकों में वह करीब तीन दशक तक सुरक्षाबलों पर हमलों की प्लानिंग और उन्हें अंजाम देने में जुटा रहा।

दशकों तक अंडरग्राउंड रहकर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के बाद वह मई 2016 में सुरक्षाबलों के रडार पर आया। उसकी तस्वीर तब पहली बार सुरक्षाबलों को मिली जब एक नक्सली के मारे जाने के बाद उसके पास बरामद लैपटॉप में चलपति और उसकी पत्नी की एक सेल्फी मिली। चलपति रोमांस की वजह से पहले भी झटका खा चुका था। डिप्टी कमांडर अरुणा के साथ संबंध की बात सामने आने पर उसे एक साल के लिए निलंबित भी कर दिया गया था। बाद में उसने अरुणा के साथ शादी कर ली।

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