किसान धनीराम हो या आशाराम, सबको मालूम है कि धान का मिलेगा पूरा दाम
कृषक उन्नति योजना का मिला लाभ तो कर्ज का बोझ हुआ खत्म
किसानों में उत्साह, मिंजाई में जुटे, धान बेचने की कर रहे तैयारी
कोरबा 02 दिसम्बर। किसान धनीराम, मनहरण लाल, आशा राम, तिजउ राम सहित अन्य किसानों को भलीभांति याद है कि उन्हें धान का अच्छा दाम सरकार से मिला था। दो साल का बकाया बोनस मिलने के साथ ही कृषक उन्नति जैसी योजना से एकमुश्त आदान राशि खाते में आने से उनकी कई जरूरतों की पूर्ति हो गई। राशि मिलने से जो कर्ज था उसे भी चुकता कर राहत पाई। किसानों का कहना है कि इस बार भी धान का फसल लिया है। पंजीयन करा चुके हैं और अभी खेत से घर पर लाकर मिंजाई का कार्य किया जा रहा है। जल्दी ही उपार्जन केंद्र में धान ले जाकर बेचेंगे। उन्हें पिछले साल धान का पूरा दाम मिला था और इस बार भी मिलेगा।
करतला विकासखंड के ग्राम सलिहांभाठा के ज्यादातर किसान अपने खेतों में धान की फसल ही लेते हैं। किसान धनीराम खैरवार की उम्र लगभग 71 साल की है। उन्होंने बताया कि वे दशकों से खेती किसानी करते आ रहे हैं। अभी लगभग पौने चार एकड़ खेत में फसल लेते हैं। उन्होंने बताया कि खेती करना सबके लिए आसान नहीं है। फसल ठीक से हुई तब तो ठीक है, वर्ना किसान धान बेच नहीं पाते। उनका कहना है कि पहले किसानों को अपने मेहनत का ठीक से मूल्य भी नहीं मिल पाता था। कड़ी मेहनत के बाद भी वाजिब कीमत नहीं मिलने से किसानों में निराशा स्वाभाविक थी। अब तो किसानों को 3100 रूपए प्रति किं्वटल मिल रहा है। इससे हम किसानों को धान बेचने का प्रोत्साहन मिल रहा है। लगभग पांच एकड़ में धान का फसल लेने वाले किसान मनहरण लाल केंवट का कहना है कि उन्होंने विगत वर्ष 97 किं्वटल धान बेचा था। धान बेचने के बाद मिली राशि और आदान राशि उसके लिए घर की जरूरतों को पूरा करने का एकमात्र सहारा है। उन्होंने बताया कि उनके ऊपर कर्ज था। कृषक उन्नति योजना से मिली राशि उनके कर्ज का चुकाने में मददगार साबित हुई। किसान आशाराम सवा तीन एकड़ में और तिजउ राम चार एकड़ में धान का फसल लेते हैं। विगत वर्ष लगभग 61 किं्वटल धान बेचने वाले किसान आशा राम कुछ दिन में फिर धान बेचने जायेंगे। तिजउ राम ने भी अपना पंजीयन करा लिया है। इन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने किसानों के लिए बड़ा निर्णय लिया है। 3100 रूपए किं्वटल में धान की कीमत अन्य जगहों में नहीं मिल रहा है। 21 किं्वटल प्रति एकड़ में धान खरीदने का भी ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। इससे किसान अपनी उत्पादन बढ़ाने जोर देंगे।