धान खरीदी मामले को लेकर राज्य सरकार पर लगाए कई आरोपः पीसीसी अध्यक्ष
कोरबा 27 नवम्बर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कोरबा जिले के प्रवास के दौरान राज्य सरकार पर सवाल उठाया कि वह धान खरीदी के मामले में दोहरी नीति क्यों अपना रही है। एक-एक दाना धान खरीदने का वादा उसकी ओर से किया गया था तो फिर एवरेज का आधार कहां से आ गया। इसके लिए कांग्रेस निगरानी समिति गठित करते हुए अपनी ओर से हस्तक्षेप करेगी।
कटघोरा में मीडिया से बातचीत करते हुए दीपक बैज ने धान खरीदी मामले को लेकर राज्य सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर जो समर्थन मूल्य घोषित किया गया है उसके बजाय केंद्रीय मूल्य के आधार पर किसानों से खरीदी की जा रही है और इसी हिसाब से उन्हें भुगतान किया जा रहा है। केंद्रों में कई प्रकार की समस्याएं हैं। इससे परेशानियां बनी हुई है। दीपक बैज ने कहा कि पहले कस्टम मिलिंग के मिलर्स को 120 रुपए की दर से भुगतान किया जा रहा था जिसे भाजपा सरकार ने 50 प्रतिशत घटाकर 60 रुपए कर दिया है। ऐसे में मिलर्स को सीधे-सीधे नुकसान हो रहा है और उनके सामने चुनौतियां हैं। इसी के चलते कस्टम मिलिंग प्रभावित है और मिलर्स हड़ताल पर हैं। दीपक ने कहा कि धान खरीदी के मामले को लेकर कांग्रेस पूरे प्रदेश में निगरानी समिति गठित कर रही है जो व्यवस्था से संबंधित खामियों पर नजर रखने के साथ सरकार पर दबाव बनाएगी ताकि किसानों और मिलर्स को सहूलियत हो। चर्चा के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष रतन मित्तल, पार्षद राजीव लखनपाल शर्मा, संजय अग्रवाल सहित कांग्रेस के पदाधिकारी उपस्थित थे।
कटघोरा में कांग्रेस के द्वारा संविधान दिवस के उपलक्ष्य में चरणबद्ध कार्यक्रम की शुरुआत की गई। पीसीसी अध्यक्ष ने इसका शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि अगले दो महीने तक राज्य स्तर पर ऐसे कार्यक्रम चलने हैं। इसमें कार्यशाला और अन्य गतिविधियों को शामिल किया गया है। संविधान के तत्व और उसकी सुरक्षा पर ये केंद्रित होंगे। आज हमने शुरुआती कार्यक्रम में इस बारे में शपथ ली है। जिले के प्रवास के अंतर्गत पीसीसी अध्यक्ष जिला मुख्यालय कोरबा में कांग्रेस कमेटी की बैठक लेंगे। इसमें मुख्य रूप से आगामी दिनों में होने वाले निकाय चुनाव की तैयारी और कांग्रेस की बेहतर भागीदारी पर मंथन होगा। चुनाव के लिए संभावित बिंदुओं पर भी चर्चा होगी। नगर निगम कोरबा और जिले के निकायों में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन और जीत की संभावना वाले कार्यकर्ताओं को अवसर दिए जाने को लेेकर पार्टी बात कर सकती है। कारण यह है कि इस बार निकायों के प्रमुख पद का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होना है। चूंकि प्रदेश में भाजपा की सरकार काबिज है ऐसे में स्वाभाविक रूप से कांग्रेस के सामने चुनौतियां तो है ही।