रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए राजस्व निरीक्षक और पटवारी

कोरबा 21 नवम्बर। एंटी करप्शन ब्यूरो ने जिले के दर्री तहसील के एक राजस्व निरीक्षक और एक पटवारी को जमीन के सीमांकन के लिए रिश्वत लेते हुए रँगे हाथों गिरफ्तार किया है।

जिले के बांकीमोंगरा क्षेत्र में रहने वाले संजय दिवाकर ने जमनीपाली में एक भूखंड को खरीदने के लिए भूमि स्वामी शत्रुघ्न राव के साथ सौदा किया है। संजय जमीन की रजिस्ट्री से पहले भूखंड का सीमांकन कराना चाहता था। इस कार्य के लिए उसने दर्री तहसील कार्यालय में कार्यरत राजस्व निरीक्षक अश्वनी राठौर से मुलाकात किया। राठौर को अपना काम बताया, उसने इसी मसले को लेकर हल्का पटवारी धीरेंद्र लाटा से भी संपर्क किया। लाटा ने सीमांकन के लिए 15 हजार रुपए की मांग किया। इसके बिना राजस्व निरीक्षक और पटवारी जमीन को चिन्हित करने के लिए तैयार नहीं थे।

इस बीच संजय दिवाकर ने राजस्व निरीक्षक और पटवारी के कार्यालय का कई बार चक्कर लगाया लेकिन दोनों 15 हजार रुपए लिए बिना जमीन के सीमांकन के लिए तैयार नहीं हुए। तब संजय ने इस मामले को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो से संपर्क किया। संजय बिलासपुर पहुंचा और उसने रिश्वत मांगे जाने की लिखित शिकायत दर्ज कराया। इसके बाद एसीबी की टीम हरकत में आई और रिश्वत लेने वाले को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई गई। एसीबी से प्राप्त निर्देशों के आधार पर संजय, राजस्व निरीक्षक अश्वनी राठौर और हल्का पटवारी धीरेंद्र लाटा से मिलने पहुंचा। 13 हजार रुपए में जमीन सीमांकन के लिए धीरेंद्र लाटा काफी मोल भाव करने के बाद तैयार हुआ। एसीबी के बिछाए जाल में जब अश्वनी और धीरेंद्र फंस गए तब बुधवार को एसीबी की टीम कोरबा पहुंची। टीम ने जमनीपाली क्षेत्र में संजय को 5000 रुपए देकर पटवारी धीरेंद्र लाटा के पास भेजा। धीरेंद्र लाटा ने इस पैसे को ले लिया। एक अन्य टीम संजय के साथ अश्वनी राठौर के पास पहुंची। अश्वनी के लिए संजय के जरिए 8000 रुपए घूस भेजा गया। इस राशि को अश्वनी ने ले लिया। इसके तुरंत बाद एसीबी की टीम ने अश्वनी को पकड़ लिया। पटवारी धीरेंद्र और राजस्व निरीक्षक अश्वनी से रिश्वत की 13 हजार रुपए को जब्त किया गया। पूछताछ के लिए टीम ने दोनों को हिरासत में लिया और देर रात तक दर्री क्षेत्र में उनसे पूछताछ जारी है। एसीबी ने इस मसले को लेकर एक प्रेस नोट जारी किया है इसमें बताया है कि आरोपियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7-12 के तहत केस दर्ज किया गया है। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

इससे पहले पकड़े गए थे नगर निगम के दो रिश्वतखोर इंजीनियर

इसके पहले एसीबी की टीम ने नगर निगम दर्री जोन कार्यालय में कार्यरत तत्कालीन इंजीनियर और सब इंजीनियर को गिरफ्तार किया था। दोनों पर एक ठेकेदार से कराए गए कार्य के बदले बिल तैयार करने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है। एसीबी ने गिरफ्तारी के बाद दोनों को जेल भेज दिया था। कई माह तक दोनों अफसर जेल में रहे। हाल ही में बेल पर रिहा हुए हैं। अब इस मामले की सुनवाई कोरबा के कोर्ट में चल रही है। जिले में हो रही एसीबी की कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों में सन्नाटा पसरा है वहीं इनसे परेशान लोग राहत महसूस कर रहे हैं। राजस्व विभाग में भी भ्रष्टाचार काफी फैल चुका है और बिना रिश्वत विभाग में कार्य कराना आम लोगों के लिए कठिन है।

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