प्रकाश पर्वः श्री गुरुनानक देव जी की जयंती घूमघाम से मनाई गई

कोरबा 16 नवम्बर। श्री गुरुनानक देव साहिब के 555वां प्रकाश पर्व के अवसर पर 15 नवम्बर को सुबह से ही शहर में विशेष करके टीपी नगर स्थित गुरुद्वारा सहित क्षेत्र के तमाम गुरुद्वारे में भव्य आयोजन किए गए। इस मौके पर दिनभर शब्द कीर्तन का कार्यक्रम चला। वहीं सिख समाज के साथ साथ हर धर्म के लोगों ने गुरुद्वारा पहुंचकर मत्था टेका। इसके साथ ही गुरु का अटूट लंगर हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने प्रसादी ग्रहण किया।

प्रकाश पर्व के लिए गुरुद्वारा कमेटियों द्वारा एक पखवाड़े से तैयारी शुुरु कर दी गई थी। दो दिन पूर्व टीपी नगर स्थित गुरुद्वारा कमेटी द्वारा नगर कीर्तन शोभायात्रा निकाली गई थी। नगर कीर्तन में काफी तादाद में समाज के लोगों ने सहभागिता निभाई थी। शुक्रवार को सिख समुदाय द्वारा भव्य तरीके से प्रकाश पर्व मनाया गया। सुबह से गुरुद्वारा में लोगों की भीड़ उमड़ना शुरु हो गई थी। गुरुद्वारा को आर्कषक रुप से सजाया गया था। खासतौर पर प्रकाश पर्व के लिए विशेष साज सज्जा की गई थी। शाम को गुरुद्वारों की चमक देखते ही बन रही थी। रात में समाज के लोगों ने घरों में दीप माला की। घरों में पूजा पाठ किया गया। बच्चों ने पटाखें जलाएं। शहर में विशेष तौर पर टीपी नगर स्थित गुरुद्वारा में आयोजन किया गया। यहां अखण्ड पाठ का आयोजन किया गया। विशेष कीर्तन जत्थों के द्वारा अखण्ड पाठ किया गया। गुरुद्वारे में लोगों ने एक दूसरे को प्रकाश पर्व की बधाइयां दी। छोटों ने बड़ों का आशीर्वाद लिया। वहीं गुरुद्वारा में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने एक साथ गुरुवाणी सुनीं। दोपहर दो बजे तक गुरु वाणी के बाद अटूट लंगर का शुरु हुआ, जो कि देर रात तक चलता रहा। प्रकाश पर्व के अवसर में गेवरा स्थित गुुरुदारे में भी विशेष आयोजन किया गया। सुबह से अखंड पाठ किया गया। हजुरी रागी जत्था द्वारा शब्द कीर्तन किया गया। इससे सुनने के लिए समाज के अधिक संख्या में लोगों की भीड़ जुटी रही।

इसके बाद दोपहर तक अटूट लंगर में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। शाम होते ही सिख समुदाय के लोग अपने घरों में प्रकाश उत्सव मनाए। घरों में प्रकाश व्यवस्था की गई है। आकर्षक लाइटें, दीयें, झालरों से घर जगमगा रहे थे। वहीं बच्चे पटाखें जलाकार खूब आतिशबाजी की । दीवाली की तरह घर प्रकाश पर्व में रौशन किए गए । इसी तरह प्रसाद का भी वितरण किया गया। शहर सहित उपगरीय क्षेत्र बालको, कुसमुंडा, कटघोरा, दीपका सहित कई उपनगरीय क्षेत्रों में धूमधाम के साथ पर्व मनाया गया। जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल के जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजायेमान रहा।

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