संदेहजनक विवेचना का मिला लाभ, दिनेश दोषमुक्त करार

कोरबा 11 नवम्बर। पुलिस की विवेचनागत खामियों के कारण जिला न्यायालय कोरबा के विशेष न्यायालय (एनडीपीएस) की न्यायधीश श्रीमती गरिमा शर्मा ने विचाराधीन नारकोटिक्स एक्ट के प्रकरण में आरोपी दिनेश कुमार सोनी को दोषमुक्त करार दिया है।

घटना दिनांक 07.10.2022 को बालको थाना में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि चेकपोस्ट बालको में एक व्यक्ति दिनेश सोनी अपने पास अत्यधिक मात्रा में नशीली टेबलेट बिक्री हेतु रखा है। पुलिस ने मौके से ।सचतं्रवसंउ ज्ंइसमजे के 39 स्ट्रीप में कुल 585 नग कैप्सूल तथा एक पारदर्शी पॉलीथीन के अंदर 7 स्ट्रीप छपजतवेनद घटक युक्त छपजतं्रमचंउ ज्ंइसमजे के कुल 66 टेबलेट को विक्रय करने के प्रयोजन से बिना वैध अनुज्ञप्ति के अपने आधिपत्य में रखा था, को जप्त किया। अभियुक्त दिनेश कुमार सोनी पिता स्व. नेता लाल सोनी निवासी पुराना गुरु घासीदास चौक भदरापारा पर स्वापक औषधि तथा मनः प्रभावी प्रदार्थ अधिनियम 1985 , एन. डी.पी.एस. एक्ट की धारा 22 (ख) के तहत जुर्म दर्ज किया। प्रकरण विचारण हेतु विशेष न्यायालय में पेश किया गया।

न्यायालय के द्वारा प्रकरण पर विचारण उपरांत सुनवाई करते हुए अभियुक्त के विरुद्ध दोष सिद्ध न होने पर दोष मुक्त करने का फैसला सुनाया गया। न्यायाधीश ने प्रकरण के विचारण में पुलिस की कार्यवाही में अनेक विषमताओं को पाया। नशीली गोलियों की जप्ती से लेकर उसका तौल कराने, मालखाना में रखने, परीक्षण हेतु भेजने, दस्तावेजी रिकॉर्ड मेंटेन करने से लेकर स्वतंत्र गवाहों के बयान आदि के आधार पर विवेचना अधिकारी ओमप्रकाश सिंह परिहार द्वारा की गई कार्यवाही को पूर्ण रूप से विश्वसनीय नहीं पाया जो अभियोजन के प्रकरण को संदेहजनक बनाती है। यह विधि का सुस्थापित सिद्धांत है कि संदेह का लाभ आरोपी को प्राप्त होता है। ऐसे में जबकि अभियोजन अभियुक्त के विरुद्ध अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित करने में विफल रहा है तब अभियुक्त दिनेश सोनी को धारा 22 (ख) स्वापक औषधि तथा मनः प्रभावी प्रदार्थ अधिनियम 1985 के अपराध से दोषमुक्त किया गया।इस प्रकरण में शासन की ओर से विशेष अभियोजक अधिवक्ता टीकम साव ने पैरवी की वहीं अभियुक्त की ओर से डिप्टी लीगल एण्ड डिफेंस काउंसिल अधिवक्ता हारुन सईद ने पैरवी की।

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