कोरबा 27 अक्टूबर। चांपा समर्पित संस्था द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक की जमाकर्ता शिक्षा व जागरुकता कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज कोरबा जिला के कमला नेहरू महाविद्यालय विकासखण्ड कोरबा में किया गया ।कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बैंक उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों एवं उनके हितार्थ वित्तीय योजनाओं के प्रति जागरुक करना था एवं कार्यशाला में प्रशिक्षित प्रतिभागियों के माध्यम से समुदाय के बीच इसका व्यापक प्रचार प्रसार करवाना है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में नरोत्तम सिंह ठाकुर उपस्थित थे।

कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुये मनीष शर्मा अध्यक्ष बाल कल्याण संघ कोरबा जिला ने कहा कि समाज की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है कि वो बचत को प्रोत्साहित करें, क्योंकि बचत के द्वारा ही हम अपने भविष्य को सुरक्षित व संरक्षित कर सकते हैं। उन्होंनें कहा कि हमें अपनी बचत राशि को बैंक में ही जमा करवानी चाहिये, जिससे कि हमारा धन सुरक्षित तो रहेगा ही साथ ही हम बैंक की ब्याज, ऋण, बीमा, आदि योजनाओं का भी लाभ उठा सकतें हैं। उन्होनें ने कहा कि वित्तीय साक्षरता के माध्यम से जमाकर्ता अपनी जमापूँजी का बेहतर उपयोग कर अपनी आर्थिक सितिथि को सुदृढ व सुरक्षित कर सकता है। उन्होंनें बैक उपभोक्ताओं को बैकिंग ठगों के प्रति जागरुक रहने कि आवश्यकता पर बल दिया। समर्पित संस्था के अध्यक्ष डॉ. संदीप शर्मा ने कार्यशाला के उद्देश्य व औचित्य पर बताया कि जमाकर्ताओं को यदि बैंक से किसी भी तरह की कोई शिकायत है या उसे ऐसा लगता है कि संबंधित बैंक उसके अधिकारों का हन्न कर रहा है तो उसे तत्काल बैंकिंग लोकपाल के पास अपनी शिकायत दर्ज करवानी चाहिये।

कार्यशाला में मास्टर ट्रेनरों श्री नाजनीन अलीव संतोषी बधेवा ने लेक्चर, प्रोजेक्टर, समूह चर्चा, शंका समाधान आदि माध्यमों से उपििस्तथ प्रतिभागियों को बैंक खाता खुलवाने, उसका संचालन, बचत योजना, वित्त का प्रबंधन, के.वाय.सी. प्रक्रिया, बैंक ऋण, ऋण संबंधित उपभोक्ताओं के अधिकार, जमाकर्ताओं के अधिकार, बैंकिंग लोकपाल, चिटफंड कंपनियों, नान बैंकिंग फाइनेंस कंपनी आदि की विस्तृत जानकारी दी। इस कार्यशाला को सफल बनाने में संस्था की परियोजना संचालक मिर्जा नाजनीन अली, नीलकमल भारद्वाज, सेलोषी बघेल कार्तिक साहू, राशी ताम्रकार, सोफिया खान, किरण कंवर, संतोष खैरवार आदि का सराहनीय योगदान रहा। उक्त जानकारी संस्था के समन्वयक पी.एल. खैरवार ने दी।

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