कोरबा के रेल सुविधाओं को लेकर जनता परेशान, कई ट्रेनें बंद

कोरबा 08 सितंबर। प्रतिवर्ष 2000 करोड़ का राजस्व देने वाले कोरबा की उपेक्षा रेल सुविधा देने के मामले में काफी समय से की जा रही है। कोविड के समय से कई गाडियां अलग-अलग कारण बताकर बंद कर दी गई है जो कोरबा और गेवरारोड से चला करती थीं। इसके चक्कर में यात्री परेशान हैं। इधर रेलवे अधिकारी लिखित रूप से बता रहे हैं कि रेलगाडियां बंद करना जोन का अधिकार है लेकिन नई गाडियों का विस्तार और प्रचालन से जुड़ा विषय रेल मंत्रालय का है। इस बारे में हम कुछ नहीं कर सकते।

उपमुख्य परिचालन प्रबंधक (यात्री एवं फाइन) एसईसीआर बिलासपुर के द्वारा एक पत्र के माध्यम से चेम्बर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष व रेल संघर्ष समिति के संयोजक रामकिशन अग्रवाल को दी गई है। उन्होंने पत्र के माध्यम से कोरबा में रेल सुविधाओं को लेकर जानकारी चाही थी। कोरबा से बीकानेर ट्रेन संचालन को लेकर बताया गया कि यात्रियों के आवागमन के लिए बिलासपुर से बीकानेर के मध्य 4 गाडियां और बिलासपुर-कोरबा के मध्य 10 गाडियां सीधी प्रदान कर रही है। कोरबा के यात्रियों को बीकानेर आवागमन के लिए बिलासपुर से कनेक्टीविटी उपलब्ध है। बीकानेर स्टेशन दूसरे जोन के क्षेत्र में है इसलिए वहां से जुड़ी सुविधा पर हम कुछ नहीं कर सकते। रेलवे ने यह भी बताया कि कोरबा-राउरकेला के बीच इंटरसिटी एक्सप्रेस का संचालन करना नीतिगत विषय है जो रेल मंत्रालय के अधीन है। यात्रियों के आवागमन के लिए राउरकेला-चांपा के मध्य 32 गाडियां उपलब्ध हैं। चेम्बर ने मांग रखी थी कि 17481, 17482 तिरूपति-बिलासपुर को कोरबा तक बढ़ाया जाए, जिस पर रेलवे का कहना है कि कोरबा में प्लेटफार्म और स्टेबलिंग लाइन की कमी है इसलिए विस्तार असंभव है। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का गेवरारोड तक विस्तार करने से भी रेलवे ने यह कहकर इंकार कर दिया कि उसका मेंटेनेंस बिलासपुर में होता है इसलिए यह सब नहीं हो सकेगा। चेम्बर ने कोरबा से गेवरारोड के बीच सभी यात्री ट्रेनों को रद्द कर देने और इस वजह से यात्रियों को परेशानी होने की जानकारी दी जिस पर कहा गया कि संरक्षा से जुड़े कार्यों के लिए कोरबा से कई गाडियों को रद्द कर दिया गया है। यह जोन का अधिकार है और ऐसा आगे भी होता रहेगा।

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