हैवी ब्लास्टिंग से बढ़ी समस्या, नाराज ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर रोक दी कोयला गाडिय़ां
कोरबा 22 फरवरी। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की गतिविधियों से जिले में जहां.तहां समस्याएं बनी हुई है। एक बार फिर कुसमुंडा क्षेत्र में ग्रामीणों ने ब्लास्टिंग से हो रही परेशानियों और मांगों को लेकर सतर्कता चौराहे पर कॉल ट्रांसपोर्टिंग बाधित कर दी। चक्का जाम के चलते यहां वाहनों की लाइन लग गई। कोलफील्डस में नारेबाजी धरना प्रदर्शन रैली और चक्का जाम अब हर दिन की बात हो गई है और अधिकारी इस तरह की गतिविधियों के अभ्यस्त हो गए हैं। ऐसा कोई दिन नहीं गुजर रहा है जबकि कोरबा जिले के अंतर्गत एसईसीएल के 4 क्षेत्रों के अंतर्गत किसी ना किसी परियोजना में इस तरह के नजारे देखने को मिलते हैं। बुधवार को कुसमुंडा की बारी थी। पड़निया गांव के सैकड़ों लोगों ने पहुंचकर सतर्कता चौराहे पर कोयला आपूर्ति को बाधित कर दिया। सुबह से शुरू हुए इस प्रदर्शन के कारण चौराहे पर चक्का जाम की स्थिति पैदा हो गई और खदान से कोयला लेकर जाने वाले वाहनों के पहिए थम गए। यही हाल खाली गाडिय़ों का भी हुआ। प्रदर्शन कर रहे लोगों में महिलाएं भी शामिल थी।
ग्रामीणों का कहना था कि खदान प्रबंधन के द्वारा गांव के पास ब्लास्टिंग करने से उनके घरों और जल स्रोत पर भारी असर पड़ रहा है। जहां.तहां दरारे दिख रही है और इसके कारण गंभीर खतरे बने हुए हैं। गर्मी के सीजन में नई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। वायु प्रदूषण से जुड़ी परेशानी काफी समय से बनी हुई है और इसके कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। ग्रामीणों की आपत्ति इस बात को लेकर भी है कि एसईसीएल हमारे गांव की जमीन पर स्टे लगा रखा है और इसके चलते वह दूसरे काम नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि एसईसीएल अपने उत्पादन और खदान विस्तार के लिए मनमाने तरीके से काम कर रहा है और इन सब कारणों से स्थानीय परेशानियां बढ़ती जा रही है। ग्रामीणों के प्रदर्शन से कोल ट्रांसपोर्टिंग पर बुरा असर पड़ा है। वाहनों की लंबी लाइन लगने के बाद एसईसीएल के अधिकारी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत की। कोई नतीजे नहीं आने पर स्थानीय पुलिस की मदद ली गई है। ग्रामीणों का साफ तौर पर कहना है कि उन्होंने स्थानी समस्याओं को सामने रखा है और इसकी अनदेखी बंद नहीं करने तक प्रदर्शन खत्म नहीं होगा।