मुड़ापार-अमरैय्या बायपास की नारकीय स्थिति से निवासरत आबादी बेहाल
कोरबा 16 फरवरी। शहर में भारी वाहनों के लिए भले ही वैकल्पिक रास्ते बनाए गए हैं। इसके बावजूद मुड़ापार.अमरैय्या मार्ग का उपयोग अब भी किया जा रहा है। डेढ़ वर्ष से इसकी स्थिति अत्यंत खराब होने से यहां नारकीय नजारे दिखाई दे रहे हैं। राहगीरों के साथ मार्ग के दोनों तरफ निवासरत आबादी बेहाल हैं। जबकि रास्ते के समाधान के लिए वादे करने से ज्यादा अब तक कुछ नहीं किया गया। काफी समय से यह रास्ता बदहाली की भेंट चढ़ा हुआ है।
एसईसीएल के मुड़ापार बेरियर से लेकर अमरैय्याए स्टेशन रोड और इमलीडुग्गू तक की समस्या बनी हुई है। दिन भर में हजारों वाहनों की आवाजाही इस रास्ते से हो रही है। इनमें कोयलाए राखड़ और दूसरे भारी वाहन शामिल है। जो चांपाए रायगढ़ और अन्य दिशाओं की तरफ जाते हैं। वाहनों के दबाव में पहले से ही 18 करोड़ की सड़क का कचूमर निकाल दिया है। बाकी रही कसर अब यहां पर हो रही है। रास्ते भर में कई जगह सड़क टूटफूट चुकी है। इसके सबसे निचले हिस्से में मजबूती के लिए बिछायी गई राड अब बाहर आ रही है। जिससे गंभीर हादसे हो रहे हैं। बड़ी संख्या में निर्मित हुए गड्डों के कारण भी खतरे बढ़ते जा रहे हैं। ट्रांसपोर्टर्स बताते हैं कि इन कारणों से आय दिन वाहनों में कई प्रकार की खामियां आ रही है और सुधार संबंधी खर्च लगातार बढ़ रही है। कई मौकों पर इन समस्याओं को निगम की जानकारी में लाया गया है, लेकिन प्रपोजल और दूसरे तर्क देने के साथ मामला जस की तस अटका हुआ है। पिछले वर्ष इस तरह की बातें की गई थी कि बारिश की विदाई के साथ स्टीमेट बनाते हुए लगभग दो करोड़ की राशि से इस पूरे रास्ते को नवीनीकृत कर दिया जाएगा।
वर्ष 2022 बीतने और मौजूदा वर्ष के डेढ़ महीने पार होने के बाद भी सड़क अपनी पुरानी दसा में दिखाई दे रही है और लोग परेशान हो रहे हैं। डीएमएफ से हो रहे बड़े काम कोरबा जिले में एसईसीएल, एनटीपीसी, सीएसईबी सहित दूसरे उपक्रमों के सीएसआर और जिला खनिज न्यास मद से भारी भरकम काम किये जा रहे हैं। इनमें से कई कार्यों के औचित्य पर लगातार सवाल खड़े हुए हैं। इसके बावजूद यह सिलसिला जारी है। जबकि क्षेत्र में सड़क जैसी आधारभूत सुविधा के लिए डीएमएफ से काम नहीं कराया जाना समझ से परे है। बायपास पर शराब भट्ठी से भी समस्या मुड़ापार-अमरैय्या बायपास पर आबकारी विभाग द्वारा शराब दुकान का संचालन कराया जा रहा है। लगातार विरोध के बाद भी इस काम को जारी रखा गया है। दिन में यहां स्थिति सामान्य होती है लेकिन शाम के बाद मेला जैसा माहौल दिखाई देता है। दुकान से बाहर निकलने वाला वर्ग और सड़क के दोनों किनारे वाले लगनी वाली चखना दुकानों की भीड़ के बीच वाहनों की आवाजाही से भी समस्याएं हो रही है। लोग चाहते है कि या तो भारी वाहनों को चलाना बंद करें या भट्ठी को हटाएं।