बसाहट पर अवैध कब्जा को लेकर गुस्साए लोगों ने प्रदर्शन कर सीजीएम कार्यालय का गेट किया बंद

कोरबा 08 दिसंबर। एसईसीएल दीपका क्षेत्र के अधिकारियों और कर्मचारियों की परेशानियां आज तब बढ़ गई जब चैनपुर गांव में कुछ लोगों ने यहां पहुंचकर प्रदर्शन किया और फिर मेन गेट में ताला लगा दिया। लोगों का आरोप है कि बसाहट पर अवैध कब्जा की शिकायत करने के बाद भी प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है।

जानकारी के अनुसार के मुताबिक एसईसीएल ने दीपका क्षेत्र में खदान और अन्य प्रयोजन के लिए आसपास के इलाके के लोगों की जमीन विगत वर्षों में अधिग्रहित की। ऐसे लोगों को चैनपुर में पुनर्वास की सुविधा का लाभ दिया गया। इसी के साथ जरूरी संसाधन भी मुहैया कराए गए। बताया गया कि यहां पर किसी छाबरिया परिवार के द्वारा कुछ मकानों में कब्जा कर लिया गया है और मूल भूविस्थापितों को प्राप्त सुविधा हड़पने की कोशिश की जा रही है। काफी समय से इसे लेकर टकराव चल रहा था। अपने स्तर पर पीडि़त पक्ष ने मसले को हल करने का प्रयास किया लेकिन कोई नतीजे नहीं आए। अन्य स्तर पर की गई शिकायतों से भी लाभ नहीं हुआ। अपनी बसाहट पर अवैध कब्जा होने से भूविस्थापितों के सामने मुश्किलें हैं। इस वजह से ये लोग नाराज हैं। कोयला कंपनी के अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराने के साथ उम्मीद की गई थी कि वहां से कोई एक्शन हो सकता है लेकिन यह सोचना गलत साबित हुआ। इससे नाराज चैनपुर के काफी लोग आज सुबह सीजीएम कार्यालय परिसर में पहुंचे। उनके रूख की जानकारी प्रबंधन को नहीं थी और तब तक काफी संख्या में अधिकारी व कर्मचारी अपने कक्ष में पहुंच चुके थे। इस बीच ग्रामीणों ने सीजीएम कार्यालय के मेन गेट पर ताला जड़ दिया और मौके पर बैठ गए। इस दौरान कार्यालय जाने के लिए यहां पहुंचे कर्मियों को या तो यहां रूकना पड़ा या फिर लौटना पड़ा। इस मामले को लेकर एसईसीएल के अधिकारी परेशान हैं। उन्होंने बीच का रास्ता निकालने के लिए संबंधित तंत्र को सूचित किया है।

मामले में क्या कार्रवाई हो रही है यह पूछने के लिए एसईसीएल दीपका क्षेत्र के सीजीएम रंजन शाह को मोबाइल पर संपर्क किया गया लेकिन वहां से कोई रिस्पांस नहीं मिला। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक चैनपुर इलाके के लोग सीजीएम कार्यालय के गेट पर डटे हुए थे, और भी हैं समस्याएं न केवल दीपका क्षेत्र बल्कि कोरबा जिले के अंतर्गत आने वाले एसईसीएल के चार क्षेत्रों और वहां से संचालित हो रही कोयला परियोजनाओं को लेकर कई प्रकार की समस्याएं कायम है। नौकरी, मुआवजा और पुनर्वास के अलावा फर्जी तरीके से रोजगार दिए जाने जैसे मामले बने हुए हैं और इसे लेकर आए दिन अलग-अलग संगठन मोर्चा खोलने पर आमादा है। इन सभी कारणों से एसईसीएल के खनन क्षेत्र के विस्तार में मुश्किलें पेश आ रही है। कहा तो यह भी जा रहा है कि कुछ मामलों में अधिकारियों के अडिय़ल रवैये के चलते भी समस्याएं बनी है।

Spread the word