बूंदी का 11 किलो लड्डू 76 हजार में बिका: प्रसाद के रूप में चढ़ाया गया था लड्डू, तेलगु समाज में माना जाता है बेहद शुभ

कोरबा 11 सितम्बर। छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक व्यक्ति सिर पर मोतीचूर बूंदी का लड्डू रखकर चल रहा है। उसके आगे-आगे एक युवक सड़क पर पानी छिड़क रहा है। पीछे-पीछे लोगों की भीड़ चल रही है। दरअसल यह लड्डू गणपति बप्पा का प्रसाद है। यह 11 किलो का मोतीचूर का लड्डू 76 हजार रुपए में नीलाम हुआ है। सबसे अधिक बोली लगाने वाला भक्त इसे सम्मान के साथ अपने घर ले जा रहा है।

यह सब जान कर हर कोई हैरान हो जाएगा, लेकिन शहर के शिवाजी नगर स्थित निगम कॉलोनी में तेलुगू समाज की परंपरा के अनुसार गणेश पंडाल की नीलामी में यह लड्डू इसी कीमत पर बिका है। दरअसल शिवाजीनगर स्थित निगम कॉलोनी में तेलुगू समाज के लोग बड़ी संख्या में निवासरत है, जो एक परिवार की तरह प्रत्येक त्योहार को मनाते हैं। उसमें गणेश पूजा भी शामिल है। करीब 15 साल से कॉलोनी में पंडाल बनाकर गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की मूर्ति बिठाते और अनंत चतुर्दशी तक पूजा करते हैं, लेकिन वर्ष 2018 में समाज के लोगों ने गणेश पूजन के साथ प्रसाद में चढ़े लड्डू के नीलामी की परंपरा शुरू की। पहले साल मोतीचूर के 2 किलो का लड्डू चढ़ाया गया था। बोली 2,101 और रुपए से शुरू हुई। लड्डू 11, 101 रुपए में नीलाम हुआ। तब से हर वर्ष लड्डू का प्रसाद चढ़ाया जाता है और उसकी नीलामी की जाती है। इस वर्ष पूरे 11 किलो का प्रसाद चढ़ाया गया था, जो 76,000 रुपए में नीलाम हुआ।

समिति के अध्यक्ष उसतेला लक्ष्मण ने बताया कि तेलुगू समाज में भगवान गणेश को चढ़ाया हुआ लड्डू बहुत शुभ माना जाता है। गांव में वर्षों से लड्डु खरीदने की परंपरा चल रही है। लेकिन शहर में यह दूसरा साल है। भगवान के विसर्जन से एक दिन पहले बोली लगाकर लड्डु खरीद लिया जाता है। लड्डु को परिवार के लोग प्रसाद के रूप में खा लेते हैं। आस-पास बांट भी देते हैं। इस तरह लड्डु के घर पहुंचने पर विघ्नहर्ता स्वय घर पहुंच जाते हैं और सुख-संपत्ति का आर्शीवाद देते हैं। युवा गणेश उत्सव समिति द्वारा गणेश पूजा के प्रसाद, लड्डु की नीलामी की जाती है।

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