काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश देने वाले सिविल जज का तबादला

वाराणसी 21 जून। काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश देने वाले सिविल जज रवि दिवाकर का इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन ने तबादला कर दिया है. अब वे बरेली में सिविल (सीनियर डिवीजन) का कार्यभार देखेंगे.

हाईकोर्ट प्रशासन ने उनके साथ ही कई और जजों के भी तबादले किए हैं लेकिन रवि कुमार दिवाकर के ट्रांसफर को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन ने सोमवार को विभिन्न जिलों में तैनात 121 के तबादला आदेश जारी किए. इस ट्रांसफर लिस्ट में वाराणसी के सिविल जज रवि कुमार दिवाकर का नाम भी शामिल था. ट्रांसफर हुए सभी जजों को 4 जुलाई तक नई जगहों पर रिपोर्ट करने के आदेश दिए गए हैं.

काशी ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के आदेश की वजह से चर्चा में आए रवि कुमार दिवाकर मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं. उन्होंने करीब 2 साल पहले वाराणसी में सिविल जज के रूप में जॉइन किया था. ईमानदार और कड़क माने जाने वाले जज रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में 5 महिलाओं और अन्य पक्षकारों ने अर्जी देकर ज्ञानवापी के सर्वे की मांग की थी. इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए रवि दिवाकर ने निष्पक्ष कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति कर सर्वे का आदेश दिया.

इस सर्वे के दौरान मस्जिद में कई ऐसी चीजें पहली बार प्रकाश में आईं, जिनसे साफ साबित होता है कि मंदिर का विध्वंस करके उसी को मस्जिद का रूप दे दिया गया था. सबसे ज्यादा विवाद मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग पर हुआ. हिंदू पक्षकारों के मुताबिक जब वजूखाने का पानी निकलवाकर चेक किया गया तो वहां पर विशालकाय शिवलिंग मिला, जो काशी विश्वनाथ मंदिर में बैठे नंदी के मुख के ठीक सामने था.

मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे पर आपत्ति जताते हुए पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए इस प्रकरण की सुनवाई सिविल जज से लेकर जिला जज को सौंप दी थी. लेकिन इसके साथ ही स्पष्ट किया था कि उन्हें सिविल जज रवि कुमार दिवाकर की योग्यता और निष्पक्षता पर किसी तरह का शक नहीं है.हालांकि वह चाहता है कि इस मामले को कोई ज्यादा अनुभवी जज सुने और इस काम के लिए जिला जज फिट बैठते है.

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