जेल से रिहा होने के बाद आंदोलनकारियों ने कबीर चौक से महाप्रबंधक कार्यालय तक निकाला जुलूस

कोरबा 3 दिसंबर। कुसमुंडा खदान के अंदर घुस कर काम बंद करा धरना में बैठे 16 आंदोलनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आंदोलनकारियों को देर शाम को जमानत मिल गई, पर समय बीत जाने की वजह से जेल से रिहा नहीं हो सका। रात भर जेल में रहने के बाद गुरूवार को रिहा किए। रिहा होने के बाद आंदोलनकारियों ने कबीर चौक से महाप्रबंधक कार्यालय तक जुलूस निकाला। उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे भू-विस्थापितों की आवा को दमन से दबाया नहीं जा सकता और संघर्ष तेज किया जाएगा।

साउथ इस्टर्न कोलफिल्डस लिमिटेड एसईसीएल की कुसमुंडा परियोजना के भू-विस्थापितों द्वारा धरना व आश्वासन के बाद भी रोजगार नहीं दिए जाने पर बुधवार को खदान बंद करा दिया गया था। रोजगार एकता संघ, माकपा व किसान सभा की अगुवाई में हुए साढ़े नौ घंटे तक खदान में कामकाज बंद रहा। समझाइश के बाद भी आंदोलन खत्म नहीं करने पर पुलिस ने 16 आंदोलनकारियों को जबरदस्ती उठा कर धारा 151, 107, 16 के तहत कार्रवाई करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत कर जेल भेज दिया था। सभी आंदोलनकारियों को देर शाम जमानत भी मिल गई, पर जेल से रिहा होने के वक्त खत्म होने पर बाहर नहीं निकल सके। गुरूवार को सभी आंदोलनकारी रिहा होकर बाहर निकले तो उनका स्वागत किया गया। कुसमुंडा के कबीर चौक पहुंचने के उपरांत महाप्रबंधक कार्यालय के सामने धरना स्थल तक संघर्ष जुलूस निकाला गया। रोजगार एकता संघ और छत्तीसगढ़ किसान सभा ने घोषणा की है कि जमीन के बदले रोजगार मिलने तक भूविस्थापितों का आंदोलन जारी रहेगा। संघर्ष जुलूस में दीपक साहू, दामोदर, राधेश्याम कश्यप, जय कौशिक, जवाहर सिंह कंवर, मिलन कौशिक, अजय प्रकाश, गणेश प्रभु, बजरंग सोनी, पुरुषोत्तम कौशिक, मोहनलाल कौशिक, दीनानाथ कौशिक, अशोक साहू, सनत कुमार, हरी कैवर्त्य, रेशम, बलराम, अनुरुद्ध, सहोरिक, अभिषेक, राजेश, शांतनु समेत अन्य भू-विस्थापित शामिल रहे।

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