सोमनाथ मंदिर के डिजिटल प्रचार और संरक्षण कार्य की हुई शुरुआत, घर बैठे 3डी व्यू में देख सकेंगे मंदिर

गांधीनगर 23 सितम्बर। भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्रीसोमनाथ मंदिर को शीघ्र ही निकट भविष्य में घर बैठे ही 3डी दृश्य में देखा जा सकता है। ऐसा करने वाला सोमनाथ मंदिर देश का पहला मंदिर होगा। श्रीसोमनाथ मंदिर के “डिजिटल प्रचार और संरक्षण कार्य” की शुरुआत की गई है। इसके अलावा 3-वे डिजिटल केव वीआर के माध्यम से श्रद्धालु अपने घर से ही सोमनाथ मंदिर परिसर में खुद को घूमते हुए महसूस कर सकेंगे। पर्यटक एक क्लिक से अपने फोन, टैबलेट या लैपटॉप का उपयोग करके मंदिर परिसर का अनोखे तरीके से भ्रमण कर सकेंगे।

*सोमनाथ मंदिर की अनूठी वास्तुकला को संरक्षित करना है मकसद*

दरअसल मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में “श्री सोमनाथ ट्रस्ट” और “गुजरात पवित्र तीर्थ विकास बोर्ड” के संयुक्त प्रयास से सोमनाथ मंदिर की अनूठी वास्तुकला को संरक्षित और बढ़ावा देने और संरक्षण करने का कार्य शुरू किया गया है। बताया गया है कि यह विशेष तकनीक बिल्डिंग इंफॉर्मेशन मॉडल (बीआईएम) पर आधारित है। जिसका उपयोग संवर्धन और पुनर्वास प्रक्रिया के लिए किया जा सकता है। यह 3डी मॉडल डिजिटल संग्रहालयों, आभासी प्रदर्शनियों, अनुसंधान, डिजिटल प्रचार और रखरखाव के लिए अमूल्य होगा और भविष्य में जरूरत पड़ने पर इस 3डी प्रिंटेड मॉडल से संरचनाओं की प्रतिकृतियां आसानी से बनाई जा सकती हैं।

*लोग घर बैठे सीधे मंदिर को 3डी व्यू में देख सकेंगे*

जानकारी के मुताबिक नवीनतम तकनीक से एकत्र किए गए डेटा का उपयोग संवर्धित वास्तविकता (एआर), वर्चुअल रियलिटी (वीआर) आधारित वॉकथ्रू ऐप, 360° वर्चुअल टूर और उच्च गुणवत्ता वाले वीडियो आउटपुट के साथ एक सूचनात्मक ऐप बनाने के लिए किया जाएगा। अब लोग घर बैठे सीधे मंदिर को 3डी व्यू में देख सकते हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार आगंतुकों के लिए एक फ्लैगशिप 3-वे डिजिटल केव वीआर बनाने जा रही है। उन्नत तकनीक और प्रोजेक्टर की मदद से कोई भी “श्री सोमनाथ मंदिर” के परिसर का भ्रमण कर सकता है।

*20 अगस्त को पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास*

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने 20 अगस्त को गुजरात के सोमनाथ मंदिर परिसर में माता पार्वती मंदिर के शिलान्यास, सोमनाथ समुद्र दर्शन तथा संग्रहालय के शिलान्यास व लोकार्पण किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि पर्यटन से जब आधुनिकता जुड़ती है तो कैसे परिवर्तन आते हैं, यह गुजरात में देखा ja सकता है। कच्छ से लेकर द्वारका सोमनाथ तीर्थस्थलों का विकास, आसपास के क्षेत्रों में भी बदलाव लाया। देश व दुनिया के श्रद्धालु व पर्यटक यहां आते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को जूना सोमनाथ मंदिर के भी दर्शन के लाभ होंगे। पार्वती माता का मंदिर निर्माण एक अभूतपूर्व घटना है। समुद्र के किनारे खड़े हमारे मंदिर पर्यटन व आस्था के बड़े केंद्र हैं, जिससे वहां के आसपास के इलाकों का भी विकास होता है.

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