हाथियों की चौतरफा मौजूदगी ने बढ़ाई ग्रामीणों की परेशानी

कोरबा 22 जुलाई। जिले के कटघोरा वनमंडल में हाथियों की चौतरफा मौजूदगी ने वन विभाग के साथ-साथ ग्रामीणों की परेशानी बढ़ा दी है। हाथियों के डर से ग्रामीण अपने खेतों में नहीं जा रहे हैं। वहीं हाथी रिहायशी क्षेत्रों में प्रवेश कर लगातार ग्रामीणों के घर को तोड़ रहे हैं तथा धान के थरहे को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

कटघोरा वनमंडल के पसान, परला, बनिया तथा सिंदुरगढ़ गांव में हाथियों का अलग-अलग दल विचरण कर रहा है। इस दल में कई दंतैल हाथी भी शामिल हैं जो रात में गांव में पहुंचकर उत्पात मचाते हैं और ग्रामीणों के घरों को निशाना बनाते हुए उसे तोड़ दे रहे हैं। हाथियों के उत्पात से ग्रामीण काफी हलाकान हैं। इतना ही नहीं उत्पाती हाथी ग्रामीणों के खेत व बाड़ी में भी पहुंचकर वहां लगे धान के थरहा को तहस-नहस कर रहे हैं। हाथियों के उत्पात से परेशान ग्रामीणों द्वारा इस समस्या के समाधान की लगातार मांग की जा रही है लेकिन हाथी समस्या का समाधान ना तो प्रशासन निकाल पा रहा है और ना ही वन विभाग। जिससे ग्रामीण आर्थिक परेशानी झेलने को मजबूर है और काफी नाराज भी हैं। सिंदुरगढ़ में विचरण कर रहे 15 हाथियों के दल ने बीती रात उत्पात मचाते हुए अर्जुन सिंह नामक ग्रामीण के खेत में लगे हाईब्रिड धान के थरहे को बुरी तरह रौंद दिया।

इसी प्रकार दल से अलग हुए तीन दंतैल हाथी जो पसान क्षेत्र में काफी उत्पात मचाने के बाद बुधवार की रात मरवाही चले गए थे। बीती रात नदी पार कर फिर वापस पसान लौट आए। उत्पाती हाथियों के वापस लौटने तथा पसान रेंज में प्रवेश करने की सूचना मिलने पर वन विभाग का अमला आज सुबह मौके पर पहुंचा और आसपास के गांवों में मुनादी कराने के साथ ही हाथियों की निगरानी में जुट गया। कटघोरा डिविजन के बनिया, परला व अन्य गांवों में भी हाथियों की मौजूदगी कायम है। वहीं दो दंतैल कोरबा वनमंडल में कुदमुरा व करतला रेंज में विचरणरत है। इनमें से एक दंतैल को आज सुबह करतला के पास टीमनभौना में देखा गया जबकि दूसरा हाथी कुदमुरा जंगल में घूम रहा है।

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