भू-माफिया और जमीन दलाल मिलकर कर रहे शासकीय जमीनों की अफरा-तफरी, वन भूमि भी आई चपेट में
कोरबा 7 मार्च। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सतरेंगा पिकनिक स्थल एवं लेमरू हाथी अभ्यारण के साथ अजगर बहार को तहसील घोषित किए जाते ही उस क्षेत्र में जमीन की मांग आसमान छूने लगी है। अब इस क्षेत्र में भू माफियाओं एवं दलालों की सक्रियता बढ़ गई है। भू माफिया सभी नियमों को ताक में रखकर जमीन के अफरा-तफरी में लिप्त हो गए हैं। ऐसा ही एक मामला बालकों अजगर बाहर मुख्य मार्ग के ग्राम चुईया मोहनपुर में वन भूमि में अतिक्रमण, समतलीकरण एवं वृक्षों की अवैध कटाई का प्रकाश में आया है।
सूत्रों से पता चला है कि जमीन दलालों द्वारा ग्राम चुईया मुख्य मार्ग स्थित वन भूमि में जेसीबी वाहन द्वारा कई वृक्ष को नष्ट करते हुए समतलीकरण का कार्य लगभग 3,4 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है। जिस पर स्थानीय ग्रामीणों की शिकायत अनुसार जनप्रतिनिधि श्रीमती कौशल्या देवी वैष्णव, उपाध्यक्ष जिला पंचायत कोरबा के द्वारा वन विभाग वन परिक्षेत्र अधिकारी बालको को लिखित में शिकायत दी गई थी। जिस पर वन विभाग की टीम द्वारा स्थल पर कार्यवाही करते हुए लगभग 36 नग नष्ट किए गए वृक्ष की जब्ती की गई थी। उक्त स्थल पर जेसीबी वाहन बरामद नहीं हो पाई थी। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा शपथ पत्र के साथ मामले का बयान दर्ज किया गया था। इस आधार पर वाहन क्रमांक सीजी 12 ऐप 9158 के वाहन चालक रोहन कुमार द्वारा वन विभाग का सहयोग करते हुए कृत्य किया जाना शपथ पत्र सहित स्वीकार किया गया था। स्थानीय ग्रामीणों ने यह जानकारी दी है कि भूमि जो मूल रूप से गोवर्धन यादव पिता ठेंगा के नाम दर्ज खसरा नंबर 48, 49, 50, 51, 52 ,53, 54 इसका कुल रकबा 2 एकड़ 66 डिसमिल है, जो मुख्य मार्ग से लगभग दो-तीन किलोमीटर अंदर पहुंच मार्ग जूली झरिया नाला पर स्थित है।
सन 1954 – 55 में उक्त भूमि शासन द्वारा गोवर्धन यादव को कृषि कार्य हेतु आवंटित हुई थी, जिस पर गोवर्धन यादव द्वारा खेती का कार्य किया जाता रहा है। लगभग 25 वर्षों पूर्व गोवर्धन यादव की मृत्यु हो चुकी है, वहीं उनकी पत्नी फूलबाई की मृत्यु भी 20 वर्ष पूर्व हो चुकी है। गोवर्धन यादव निसंतान था अतः गोवर्धन यादव के मृत्यु के बाद उस भूमि को जीवन साय यादव पिता वीर साय निवासी सरई सिंगार एवं लक्ष्मनिया बाई पिता प्रेमसाय निवासी बरनाला द्वारा वारिसान बताकर खरीदार दुर्गा शंकर मिश्रा, पिता के पी मिश्रा निवासी राजगामार नामक व्यक्ति को जमीन दलालों के मिलीभगत से सन 2014 मैं बिक्री कर दिया गया था।
इसके बाद से उक्त भूमि पर नए खातेदार दुर्गा शंकर मिश्रा द्वारा कृषि कार्य नहीं किया जा रहा था। जिसे जमीन दलालों द्वारा सन 2020 में तीन खरीददारों को पुनः उसी जमीन को बिक्री कर दिया गया है। जिस की चौहद्दी मुख्य मार्ग पर दिखाई गई है। आज जिसमें नए खातेदार एवं भू माफिया और दलालों द्वारा मुख्य मार्ग वन भूमि पर समतलीकरण कर कब्जा किया जा रहा है। जिसमें अनेकों वृक्ष नष्ट हो रहे हैं। शिकायत पर वन विभाग द्वारा कार्यवाही प्रकरण बनाया गया है, जिस पर कार्यवाही ठंडे बस्ते में पड़ी है।
मामले की पुनः शिकायत वर्तमान वन मंडल अधिकारी श्रीमती प्रियंका पांडे से लिखित में की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता राजा यादव एवं एसएस न्यूज़ के प्रधान संपादक गोपी कुमार द्वारा श्रीमती प्रियंका पांडे से मुलाकात कर उक्त शिकायत पर गंभीरता पूर्वक कार्रवाई करने का निवेदन किया गया है। अब देखना होगा की मामले पर वन विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही होगी।