टेकेश्वर धाम में स्थित मां कौशिल्या का मंदिर एवं पंचमुखी हनुमान मंदिर को तोड़े जाने के निर्देश से भारीआक्रोश

बालोद 20 नवम्बर। वन मण्डल बालोद के डी. एफ. ओ के द्वारा हिन्दुओ के आस्था का केंद्र टेकेश्वर धाम में स्थित मां कौशिल्या का प्राचीन व पौराणिक मंदिर एवं पंचमुखी हनुमान मंदिर को तोड़े जाने के निर्देश को लेकर विश्व हिन्दू परिषद, हिन्दू समाज व राम मंदिर भानुप्रतापपुर के द्वारा तीखे विरोध कर इस पर रोक लगाने राज्यपाल के नाम से अनुविभागीय राजस्व अधिकारी भानुप्रताप पुर को ज्ञापन सौपा है।

इस सम्बंध में भगत शांडिल्य विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि क्षेत्र में लगातार हिन्दु देवी देवताओं का लगातार अपमान व मंदिर तोड़े जाने कृत्य किये जा रहे है, जिससे हिन्दुओ को आघात लगा है। वही बालोद वन मंडल के वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा प्राचीन मंदिर तोड़े जाने के निर्देश को लेकर आक्रोशित है
श्री शांडिल्य ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ वन आच्छादित प्रदेश है, हिन्दुओ के अनेक ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल घोर वन में स्थित है, उन सभी स्थलों पर मंदिर बने हुए है, अनेक ऋषिओ तपोस्थलीय देवी देवताओं के सभी वन में ही स्थल स्थित है, जहां कालांतर में मंदिर निर्माण हुआ है।
वर्तमान में बालोद में पदस्थ डी.एफ.ओ द्वारा इन मंदिरों और ऐतिहासिक धरोहरों को तोड़ने की परम्परा को तोड़ने की शुरुआत की जा रही है,पहला निशाना डोंडी लोहरा तहसील के जमाड़ी स्थित पटेश्वर धाम के मंदिर तोड़ने का निशाना बनाया गया है।
सन 1975 से यह आश्रम स्थापित है लेकिन आदिवासियों के पूजित देवता जमाड़ी पाठ का पहाड़ी पर स्थित मंदिर हजारो वर्षो से पूजित है। सन 1976 में हनुमान मंदिर, शिव मंदिर आदि का निर्माण भक्त समुदाय द्वारा किया गया, जहाँ समाज तथा घर से पीड़ित लोग शरण लेते है उसे सतशंग के माध्यम से जीवन जीने की कला शिखाकर पुनः समाज मे स्थापित किया जाता है, यह सभी कार्य यदि गलत है तो शासन प्रशासन अपना कार्य करे यदि जनाक्रोश भड़कता है यदि किसी प्रकार की क्षति होती है तो इसकी पूरे जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। 2018 में इस मंदिर का निर्माण किया गया यह कहना गलत है क्योंकि 19 जनवरी 2005 को पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के आथित्य में मंदिर का शिलान्यास हुआ था, यहाँ पर स्थित मा कौशिल्या मंदिर निर्माण स्थल पंच मुखी श्री हनुमान मंदिर को षडयंत्र पूरक नष्ट करने एवं लाखो हिन्दूओ के आस्था को ठेस पहुचाने का प्रयास किया जा रहा है।
बालोद वन विभाग द्वारा लगातार दवाव बनाया जा रहा है इससे वनवासी क्षेत्र अराजकता फैलाने की संभावना है। जमाड़ी पाटेश्वर धाम में पूरे साल उत्सव मनाया जाता है जिसमे व्यापक जनसैलाब उमड़ता है इस बार महामारी कोरोना के कारण शासन के नियमो का पालन करते हुए उत्सव नही मनाया गया बल्कि आन लाइन सत्संग के माध्यम से सभी भक्तो को जोड़ा गया है।

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