हसदेव को नष्ट करने के बाद अब रायगढ़ के घने जंगल निशाने पर

रायगढ़। औद्योगिक प्रयोजन के लिए हसदेव के जंगलों को नष्ट करने के बाद अब रायगढ़ के घने जंगल उद्योगो के हवाले किया जा रहा है l जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र तामनार, घरघोड़ा व धर्मजयगढ़ के घने वन धीरे धीरे समाप्त हो रहे है l

तमनार क्षेत्र में कोल माइंस के लिए कई गांव प्रभावित होंगे तो वहीं जंगल भी नष्ट हो रहे है l वहीं घरघोड़ा क्षेत्र में घने वनो से घिरे छर्राटांगर के पास धनबाद की कम्पनी ब्लैक डायमंड ने विस्फोटक निर्माण के लिए उद्योग लगाने जा रही है l बताया जा रहा है कि इसके लिए शुरुवाती दौर में तकरीबन 10 एकड़ जंगल को उजाड़ने की तैयारी है l वहीं जंगल के बीच से खदानों में लगने वाले खतरनाक विस्फोटक का परिवहन भी होगा l

गौरतलब है कि इस क्षेत्र में घने वन होने की वजह से वन्य प्राणी भी रहते है तथा हाथी भी विचरण करते है l जंगल कटने से वन्य प्राणियों के रहवास खत्म होने से आबादी की ओर आ रहे है l वहीं कई वन्य प्राणी विलुप्तप्राय की श्रेणी में आ गये है l इसके आलावा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है तथा आदिवासी प्रमुख रूप से वनोपज पर निर्भर रहते हैl

बताया जा रहा है कि कम्पनी ने जमीन खरीद ली है और डायवरसन के लिए घरघोड़ा एसडीएम के समक्ष आवेदन दिया गया है l घने वन होने के बावजूद डायवरसन करने राजस्व विभाग तैयारी में जुट गया है हालांकि इस पर ग्रामीणों ने आपत्ति जतायी है l ख़ास बात यह है कि यह सांसद राधेश्याम राठिया का गृह क्षेत्र है जहां ग्रामीण विरोध में लामबंद हो कर विरोध जता रहे है।

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