बच्चों का सर्वांगीण विकास नालसा की योजना का उद्देश्यः सचिव

कोरबा 11 जनवरी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा में 07 एवं 08 जनवरी को दो दिवसीय ओरिएन्टेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ए.डी.आर. भवन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा (छ.ग.) में किया गया।

इस ओरिएन्टेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम में एस.के. सोनी, सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी, प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्ष कु. डिम्पल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा, सदस्य श्रीमती मीनू त्रिवेदी, डिप्टी चीफ, लीगल एड डिफेंस कौंसल कोरबा, संदीप बिसेन, बाल संरक्षण अधिकारी, बाल सम्प्रेक्षण अधिक्षिका श्रीमती दुर्गेश्वरी पांडेय, बाल सम्प्रेक्षण गृह (बालक), मयंक श्रीवास, प्रभारी बाल आश्रय कोरबा रवि सिंह, प्रोटेक्शन अधिकारी, इंस्टीट्यूशनल केयर डब्ल्यू.सी.डी. कोरबा, मनोचिकित्सक संजय कुमार तिवारी एवं पैनल अधिवक्ता तथा इस प्राधिकरण के अंतर्गत कार्यरत पैरालीगल वॉलिण्टियर्स उपस्थित हुये।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभांरभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशध्अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा छ.ग. के मुख्य आतिथ्य में दीप प्रज्वलित के साथ किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की बाल विषयक योजना के तहत् विकलांग बच्चों सहित सभी बच्चों के लिए कानूनी सेवाएं सुलभ बनाने का प्रयास किया जा रहा है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर जिले में नालसा द्वारा संचालित बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं स्कीम, 2024 के तहत् लीगल सर्विस यूनिट फॉर चिल्ड्रन का गठन किया गया है। सचिव कु. डिम्पल ने बताया कि विधिक सेवा तक प्रत्येक नागरिक की पहुंच सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है। वही इसी उद्देश्य से नालसा द्वारा बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं स्कीम, 2024 के तहत् प्रत्येक जिले में लीगल सर्विस यूनिट स्थापित है। इस लीगल सर्विस यूनिट में पैनल अधिवक्ता एवं पैरालीगल वॉलिण्टियर्स शामिल है। इनके द्वारा समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिला प्रशासन के सहयोग से इकाई द्वारा जन सामान्य से संवाद स्थापित किया जाएगा। ताकि विधि से संघर्षरत बालक, यौन अपराधों, तस्करी, बाल विवाह, एचआईवी से संक्रमित और प्रभावित बालकों, ट्रांसजेंडर बालकों के लिए सहयोगात्मक वातावरण उपलब्ध हो सके। ऐसे बालकों को शोषित अपमानित और उपेक्षित न किया जा सके। इकाई द्वारा बच्चों को स्कूल में प्रवेश या पुनः प्रवेश के लिए जागरूकता कार्यक्रम किए जाएंगे।

सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा ने बताया कि बाल कल्याण संस्थाओं में आवासित बालकों, सम्प्रेषण गृह, स्पेशल हॉम्स, बाल न्यायालय, जेल, देख-रेख व सुरक्षा की आवश्यकता वाले बालकों, अपराध से पीड़ित बालकों, गुमशुदा बालकों, बालश्रम से रेस्क्यू किए गए बालकों, विधि से संघर्षरत बालकों, बाल गवाह, ऐसे बालक जिनके परिजन जेल में हो, तुरंत व प्रभावी विधिक सहायता इकाई द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी।

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