गोपालराय हत्याकाण्ड: कोरबा पुलिस की पुलिसिंग पर लगा सवालिया निशान, दहशत के साये में आम आदमी

गोपालराय हत्याकाण्ड: कोरबा पुलिस की पुलिसिंग पर लगा सवालिया निशान, दहशत के साये में आम आदमी

कोरबा 10 जनवरी। नगर के सराफा कारोबारी गोपालराय सोनी के हत्यारों को पांच दिन बाद भी पुलिस नहीं पकड़ पाई है। पुलिस की इस नाकामी के बाद जिला पुलिस की पुलिसिंग पर सवाल उठने लगे हैं।

सैकड़ों लोगों के नाक के नीचे हत्या

आपको बता दें कि कोरबा शहर के हृदय स्थल ट्रांसपोर्ट नगर से लगे लालूराम कॉलोनी में रविवार की रात 9.30 बजे से 10 बजे के बीच सराफा कारोबारी गोपालराय सोनी की हत्या कर दी गई थी। उस समय सर्राफा व्यवसायी गोपाल राय सोनी 65 वर्ष और उनकी पत्नी जो गंभीर रूप से बीमार हैं और बेडरेस्ट पर हैं, ही घर पर थे। अपराधी घटना के बाद व्यवसायी की गैरेज में खड़ी क्रेटा कार ( क्रमांक JH 01 CC 4455, सफेद रंग) को लेकर फरार हो गए थे। यह पूरा वाक्या जब हुआ उस वक्त गोपालराय सोनी के घर के ठीक सामने हॉटल ब्लू डायमंड में एक पार्टी चल रही थी, जिसमें शहर के सैकड़ों लोग मौजूद थे।

जनसूचना पर बरामद हुई कार

घटना के बाद पुलिस ने कथित रूप से हत्यारों की तलाश में चौतरफा घेराबन्दी की। सायबर सेल, डॉग स्क्वायड और अलग अलग टीम को पतासाजी में लगाया गया, लेकिन हत्यारे तो दूर उनका कोई सुराग भी नहीं तलाशा जा सका। दो दिन बाद मंगलवार को नागरिकों की सूचना पर नया रिसदा से गोपालराय सोनी की कार बरामद हुई। दो दिन तक यह कार शहर के ही एक वार्ड में खड़ी रही, मगर पुलिस को उसकी हवा तक नहीं लगी।

विफलता के पांच दिन

कोरबा पुलिस को पांच दिन बाद भी हत्यारों की गिरफ्तारी में कामयाबी नहीं मिली है। वह अभी भी हवा में हाथ पांव चलाती प्रतीत हो रही है। पांच दिन से एक ही लाईन सुनी जा रही है- ” पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग।” अब कोरबा पुलिस की पुलिसिंग पर ही सवाल उठने लगे हैं। नागरिकों का कहना है कि शहर के हृदय स्थल में रात 10 बजे से पहले घर में घुसकर कारोबारी की हत्या करना दुस्साहस का काम है। वह भी तब, जब कारोबारी के घर के ठीक सामने सड़क पर केवल 20 फिट की दूरी पर पार्टी चल रही थी और मौके पर सैकड़ों लोग मौजूद थे।

आई जी आये और गए

इस जघन्य हत्या कांड के दूसरे दिन सुबह सुबह बिलासपुर आई जी संजीव शुक्ला घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने मौके का मुआयना किया। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी सहित वरिष्ठ पुलिस अफसरों से घटना को लेकर चर्चा की। आई जी ने नागरिकों की चिंता से इत्तेफाक जाहिर करते हुए हत्याकांड की छानबीन के लिए बिलासपुर की से बेस्ट टीम को तैनात करने की घोषणा की। अब ऐसी किसी टीम की तैनाती हुई है अथवा नहीं, यह तो वही जानें या कोरबा का पुलिस महकमा।

आम आदमी दहशत में

इस दुस्साहसिक हत्या कांड और पुलिस की शर्मनाक विफलता के बाद शहर का आम आदमी और खासकर व्यापारी वर्ग भारी दहशत में है। कहने के लिए तो जिले में भारी भरकम पुलिस बल पदस्थ है, परन्तु पुलिसमैन का दीदार करने हो तो वे शहर में कहीं नजर नहीं आएंगे, बल्कि आपको को पुलिस थाना जाना पड़ेगा। पुलिस का मुखबिर तन्त्र पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। आम आदमी से पुलिस का सम्पर्क शून्य हो चुका है। यही वजह है कि किसी भी जटिल मामले में पुलिस को सफलता नहीं मिलती। कोरबा पुलिस उन्हीं मामलों को सुलझाने में सफल होती नजर आती है, जिसमें एफ आई आर के साथ अपराधी को तस्तरी में सजा कर पुलिस के सामने पेश किया जाता है। बहरहाल नगर वासियों को गोपालराय हत्या कांड में किसी चमत्कार की प्रतीक्षा है, जिससे हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में आएंगे।

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